अहमदाबाद की फॉर्मूलेशन कंपनी एरिस लाइफसाइंसेज (Eris Lifesciences) ने 366 करोड़ रुपये में बायोकॉन बायोलॉजिक्स (Biocon Biologics) के नेफ्रोलॉजी और डर्मेटोलॉजी व्यवसायों का अधिग्रहण करने के लिए समझौता किया है।
इन व्यवसायों में 20 प्रमुख ब्रांड शामिल हैं, जिनका वित्त वर्ष 2023 में राजस्व 90 करोड़ रुपये रहा और मौजूदा समय में यह करीब 100 करोड़ रुपये है।
एरिस ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि यह सौदा 366 करोड़ रुपये का है। इस अधिग्रहण से एरिस का नेफ्रोलॉजी खंड में प्रवेश भी सुनिश्चित हुआ है। बायोकॉन बायोलॉजिक्स मधुमेह, ऑन्कोलॉजी और इम्यूनोलॉजी जैसे अपने प्रमुख चिकित्सा क्षेत्रों पर अधिक ध्यान देने के लिए अपनी गैर प्रमुख संपत्तियां बेच रही है।
कंपनी ने कहा, ‘इस सौदे के बाद इस व्यवसाय के सभी 120 से अधिक कर्मचारी एरिस के अधीन आ जाएंगे।’ एरिस ने पहले भी अधिग्रहण के माध्यम से नए क्षेत्रों में प्रवेश किया है।
एरिस ने साल 2017 में स्ट्राइड्स शासुन के घरेलू कारोबार का अधिग्रहण कर न्यूरोसाइकेट्री के उपचार क्षेत्र में प्रवेश किया था और साल 2022 में ओकनेट हेल्थकेयर के अधिग्रहण के माध्यम से डर्मेटोलॉजी में प्रवेश किया। उसके बाद साल 2023 की शुरुआत में उसने ग्लेनमार्क और डॉ. रेड्डीज लैबोरेट्रीज (डीआरएल) के ब्रांडों का अधिग्रहण किया।
कंपनी ने कहा कि यह एरिस के प्रमुख कार्डियो-मेटाबोलिक कारोबार के लिए एक रणनीति से अलग है और सौदे के बाद कंपनी मधुमेह और उच्च रक्तचाप से लेकर गुर्दे की गंभीर बीमारियों के रोगियों का इलाज करेगी। साथ ही, यह सौदा एरिस को 11 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ सोरियासिस में दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बनाती है।
कंपनी ने कहा, ‘मधुमेह और हृदय रोग के बाद डर्मेटोलॉजी में एरिस तीसरी बड़ी थेरेपी बनने के लिए तैयार है।’