इस वित्त वर्ष में पहली बार नवंबर में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) में काम की मांग पिछले साल की समान अवधि की तुलना में कम हुई है। सरकार की वेबसाइट पर इस योजना के आंकड़ों से यह पता चलता है।
करीब 176.7 लाख परिवारों ने नवंबर 2023 में इस योजना के तहत काम मांगा है, जो 2022-23 के समान महीने की तुलना में करीब 5 प्रतिशत कम है।
काम की मांग में कमी की वजह अक्टूबर में इस योजना के लिए धन की कमी हो सकती है क्योंकि विभिन्न राज्यों का बकाया करीब 10,000 करोड़ रुपये हो गया था।
हाल में संसद में पेश पूरक अनुदान मांग में सरकार ने इस योजना में 14,500 करोड़ रुपये डाले जाने के लिए संसद से मंजूरी मांगी है। केंद्र सरकार ने बजट में मनरेगा के लिए 60,000 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।
बहरहाल सरकार ने कुछ दिन पहले संसद में कहा था कि 2022-23 में मनरेगा के 5.48 करोड़ जॉब कार्ड हटा दिए गए हैं, जिसमें पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 267 प्रतिशत की आश्चर्यजनक वृद्धि है।
पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा 83,43,469 मनरेगा जॉब कार्ड हटाए गए हैं, जो 2021-22 के 1,57,309 की तुलना में 5,203 प्रतिशत अधिक है। कार्ड हटाए जाने की वजह में डुप्लीकेट जॉब कार्ड्स, कामगारों का काम के लिए इच्छुक न होना, किसी ग्राम पंचायत से परिवार का स्थायी रूप से चले जाना, जॉब कार्ड धारक की मृत्यु शामिल है। सरकार समय समय पर सर्वे करके ऐसे कार्डों को हटाती है।