देश की सबसे कीमती स्टार्टअप बैजूस 80 करोड़ से 1 अरब डॉलर की नकदी जुटाने के लिए अपनी दो प्रमुख इकाइयां एपिक और ग्रेट लर्निंग बेचने जा रही है। मामले से वाकिफ सूत्रों ने बताया कि बिक्री से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल बैजूस की देनदारी चुकाने में
किया जाएगा।
बैजूस ने अपने ऋणदाताओं को 6 महीने के अंदर 1.2 अरब डॉलर का समूचा टर्म लोन बी (टीएलबी) चुकाने की पेशकश की है। जानकारों ने बताया कि बैजूस ने 1.2 अरब डॉलर के कर्ज में से 30 करोड़ डॉलर अगले तीन महीने में चुकाने की बात कही है। मगर यह तभी होगा, जब ऋणदाता बैजूस के इस नए प्रस्ताव को स्वीकार करेंगे।
एक शख्स ने कहा, ‘ऋणदाताओं को कर्ज चुकाने का प्रस्ताव दिया गया है और इस पर बातचीत भी सही दिशा में जा रही है। प्रस्ताव में कहा गया है कि कंपनी एपिक और ग्रेट लर्निंग जैसी संपत्तियों को बेचकर पूंजी जुटाएगी और कारोबार को पटरी पर लाएगी।’
ऋणदाता बैजूस के संशोधित प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं और कर्ज चुकाने के प्रस्ताव पर उन्होंने और भी जानकारी मांगी है। टर्म लोन संस्थागत निवेशक लंबे समय तक रिटर्न हासिल करने के मकसद से देते हैं।
बैजूस ने इस पर कुछ भी करने से इनकार कर दिया। ब्लूमबर्ग ने बैजूस के कर्ज भुगतान प्रस्ताव के बारे में सबसे पहले खबर प्रकाशित की थी।
कोरोनावायरस महामारी के कारण जब ऑनलाइन शिक्षा का चलन बढ़ा तो वर्ष 2021 में बैजूस दुनिया भर में जोर-शोर से अधिग्रहण करने में जुट गई। जुलाई 2021 में उसने 50 करोड़ डॉलर के सौदे में अमेरिकी डिजिटल रीडिंग प्लेटफॉर्म एपिक का अधिग्रहण कर लिया। उसी महीने उसने 60 करोड़ डॉलर में सिंगापुर की पेशेवर एवं उच्च शिक्षा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी ग्रेट लर्निंग का अधिग्रहण किया।
सूत्रों के अनुसार बैजूस अब दोनों कंपनियों को बेचने के लिए बैंकरों से बात कर रही है। मगर इनसे टर्म लोन बी की अदायगी करना भी आसान नहीं होगा क्योंकि इन दोनों कंपनियों के लिए वह कीमत भी शायद नहीं मिल पाए, जिसमें बैजूस ने इन्हें खरीदा था।
दोनों कंपनियां बिक गईं तो बैजूस को अपनी माली हालत दुरुस्त करने के साथ दूसरी समस्याओं से निपटने में भी मदद मिलेगी। इसमें क्रिएटर डेविडसन केम्पनर और आकाश एजूकेशनल सर्विसेज (एईएसएल) के प्रवर्तकों के साथ गतिरोध दूर करना भी शामिल है।
टर्म लोन बी देने वालों की चिंता कई वजहों से बढ़ गई। बैजूस ने विदेश में अपने आम कामकाज के लिए नवंबर 2021 में विदेशी निवेशकों के एक समूह से 1.2 अरब डॉलर का यह कर्ज लिया था। इसका इस्तेमाल उत्तरी अमेरिका में कारोबार बढ़ाने के लिए भी किया जाना था। जुलाई 2022 में कंपनी ने कहा कि वह जल्द ही ऑडिट किए हुए वित्तीय नतीजे जारी करेगी। तब बैजूस ने दो साल से ऑडिट किए हुए नतीजे कंपनी रजिस्ट्रार के पास जमा नहीं कराए थे।
अगस्त 2022 में कंपनी मामलों के मंत्रालय ने उसे नोटिस भेज दिया, जिसके बाद अगले ही महीने बैजूस ने 18 महीने देर से अपने नतीजे जारी किए। इनमें वित्त वर्ष 2021 के दौरान 4,588 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया गया था, जो एक साल पहले के मुकाबले करीब 19 गुना अधिक था। वित्त वर्ष 2021 में कंपनी की आय 2,428 करोड़ रुपये रही थी।
अक्टूबर 2022 में बैजूस ने कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी से 25 करोड़ डॉलर जुटा लिए। उस समय उसका मूल्यांकन 22 अरब डॉलर बना हुआ था। दिसंबर 2022 में लेनदारों के समूह ने बैजूस को टर्म लोन बी फौरन चुकाने को कहा।
उन्होंने कहा कि कंपनी के पास नकदी नहीं है तो वह अमेरिकी परिसंपत्तियां बेचकर 1.2 अरब डॉलर के कर्ज का एक हिस्सा चुका दे। मार्च 2023 में बैजूस ने टर्म लोन बी की ब्याज दर कथित तौर पर बढ़ाने की पेशकश की थी। अप्रैल 2023 में लेनदारों ने टीएलबी को पुनर्गठित करने के लिए 20 करोड़ डॉलर चुकाए के बाद ब्याज दर बढ़ाने की शर्त रखी।
मई 2023 में बैजूस ने अमेरिकी निवेश फर्म डेविडसन केम्पनर कैपिटल मैनेजमेंट से 25 करोड़ डॉलर यानी करीब 2,000 करोड़ रुपये का निवेश हासिल किया। 22 जुलाई को बैजूस के ऑडिटर डेलॉयट हास्किन्स ऐंड सेल्स ने वित्तीय खुलासे में देर के कारण इस्तीफा दे दिया।
उसके बाद कंपनी के तीन प्रमुख निवेशकों के प्रतिनिधियों ने भी इस्तीफा दे दिया। इससे पहले जून में बैजूस के ऋणदाताओं ने टीएलबी के पुनर्गठन पर बातचीत से कदम वापस खींच लिए। उसकी अमेरिकी इकाई अल्फा के खिलाफ अमेरिका के डेलावेयर कोर्ट में मुकदमा दायर कर दिया गया।
बैजूस ने अमेरिकी निवेश प्रबंधन फर्म रेडवुड के खिलाफ मुकदमा दायर किया। उसने ब्याज के करीब 4 करोड़ डॉलर भी नहीं चुकाए। उसका कहना था कि रेडवुड ने कर्ज का बड़ा हिस्सा खरीदकर शर्त तोड़ी है। मामले की सुनवाई डेलावेयर और न्यूयॉर्क दोनों अदालतों में जारी है। बैजूस और उसके टर्म लोन बी के लेनदारों ने हाल में निर्णय लिया है कि अमेरिकी अदालतों में चल रही असहमति को 6 अक्टूबर तक टाल देने का फैसला किया है।