आज का अखबार

एमार और मदरसन की सूची में अदाणी

Published by
समी मोडक
Last Updated- February 03, 2023 | 9:38 AM IST

अदाणी एंटरप्राइजेज (एईएल) ने बुधवार को अपने शेयर की बिक्री को वापस ले लिया। यह शेयरों की बिक्री को वापस लेने वाली भारत की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। साल 2003 के बाद से लेकर अब तक प्रारंभिक सार्वजनिक निगम (आईपीओ) या अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) वापस लेने वाली 29 अन्य कंपनियों की सूची में एईएल शामिल हो गई है।

प्राइम डाटाबेस के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार इन 29 कंपनियों ने एकीकृत 11,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया था। ज्यादातर मामलों में मांग कम आने के कारण इन्हें वापस लिया गया था। संभवत एईएल प्रथम कंपनी है जिसने पूरी बोली के लिए धनराशि मिलने के बाद शेयर की बिक्री को वापस लिया।

कंपनी के स्टॉक मूल्य में अप्रत्याशित गिरावट आने का कारण अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट थी। इस रिपोर्ट में एईएल पर धोखाधड़ी और हेराफेरी का आरोप लगाया गया था। एईएल के शेयर गुरुवार को गिरकर 1,567 रुपये पर बंद हुए थे जबकि धनाढ्य निवेशकों को इन शेयरों का आवंटन 3,276 रुपये पर हुआ था।

एईएल के चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा, ‘संभावित नुकसानों से निवेशकों की रक्षा के लिए हमने एफपीओ को वापस लिया।’ उन्होंने कहा,’एफपीओ के लिए बीते दिन पूरी बोली मिलने के बाद इसे वापस लेने के फैसले से कई लोग आश्चर्यचकित हुए। लेकिन बाजार में बीते दिन उतार-चढ़ाव रहा। लिहाजा बोर्ड ने यह महसूस किया कि एफपीओ पर आगे बढ़ना नैतिक रूप से उचित नहीं है।’

अन्य नामचीन शेयरों की बिक्री वापस लेने में एमार एमजीएफ थी। एमार एमजीएफ ने फरवरी 2008 में शेयरों की बिक्री वापस ली थी। रियल इस्टेट की नामचीन कंपनी के 5,436 करोड़ रुपये के को 80 फीसदी से अधिक बोली मिली थी लेकिन वैश्विक आर्थिक संकट के दौरान बाजार में उतार-चढ़ाव होने के कारण बाजार में जबरदस्त उठापटक हुई थी। संवर्धन मदरसन फाइनेंस पर ‘एंटी टैक्ट एवाइडेंस रूल’ (गार) का शिकंजा कसने के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव हुआ था जिससे इस कंपनी को 2012 में आईपीओ वापस लेने के बाद निवेशकों का धन वापस करना पड़ा था। हाल में राज्य समर्थित टेलीकॉम आपरेटर आईटीआई को तारीख खत्म होने के बाद भी पूरी बोली नहीं मिल पाई थी जिससे कंपनी को एफपीओ वापस लेना पड़ा था।

First Published : February 3, 2023 | 9:38 AM IST