आज का अखबार

हिंदुस्तान जिंक में हिस्सा लेगी वेदांत!

Published by
देव चटर्जी
Last Updated- March 08, 2023 | 10:28 AM IST

वेदांत समूह हिंदुस्तान जिंक में 6 फीसदी हिस्सेदारी और खरीदने की योजना बना रही है। अभी हिंदुस्तान जिंक में उसकी 64.9 फीसदी हिस्सेदारी है। सरकार हिंदुस्तान जिंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है। हिंदुस्तान जिंक में अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीदने पर अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांत को करीब 7,900 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। सौदा हुआ तो कंपनी पर सरकार का विशेष अधिकार नहीं रहेगा।

फिलहाल हिंदुस्तान जिंक में सरकार की हिस्सेदारी 29.5 फीसदी है। वेदांत के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने हाल ही में एक समाचार चैनल पर बताया था कि ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के जरिये हिंदुस्तान जिंक में 15 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की सरकार की योजना है। बैंकिंग सूत्रों ने बताया कि वेदांत 1 अरब डॉलर जुटाने के लिए तीन विदेशी बैंकों के साथ बात कर रही है और इस रकम का उपयोग वह हिंदुस्तान जिंक में सरकार की हिस्सेदारी खरीदने में करेगी।

इस साल 3 फरवरी को निवेश एवं लोक संपत्ति विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा था कि सरकार हिंदुस्तान जिंक में अपनी बाकी हिस्सेदारी का कुछ हिस्सा मार्च अंत तक बेच सकती है। इससे सरकार को चालू वित्त वर्ष में 50,000 करोड़ रुपये का संशोधित विनिवेश लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी। शुक्रवार को बंद शेयर भाव के मुताबिक हिंदुस्तान जिंक में हिस्सेदारी बेचने से सरकार को करीब 19,755 करोड़ रुपये मिल सकते हैं। अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीदने से वेदांत को विदेश में अपना जस्ता कारोबार हिंदुस्तान जिंक के साथ विलय करने की योजना में मदद मिलेगी। हिंदुस्तान जिंक के निदेशक मंडल में सरकार के प्रतिनिधियों ने 17 फरवरी को वेदांत का यह प्रस्ताव खारिज कर दिया था। उनका कहना था कि यह अल्पांश शेयरधारकों के हितों के खिलाफ है।

इस बारे में जानकारी के लिए वेदांत के प्रवक्ता से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की।

पिछले साल मई में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने हिंदुस्तान जिंक में सरकार के 124 करोड़ शेयर बेचने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।

हिंदुस्तान जिंक और वेदांत जिंक का विलय समूह की आने वाली वित्तीय देनदारी पूरी करने के लिहाज से अहम है। 9 फरवरी को एसऐंडपी ने आगाह किया था कि बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध वेदांत की प्रवर्तक कंपनी वेदांत रिसोर्सेस की नकदी इस बात पर निर्भर है कि वह 2 अरब डॉलर जुटा पाती है या नहीं और हिंदुस्तान जिंक के साथ विलय कर पाती है या नहीं।

वेदांत रिसोर्सेस की वेदांत में 70 फीसदी हिस्सेदारी है, जिसकी वजह से हिंदुस्तान जिंक में इसका करीब 65 फीसदी स्वामित्व है। बैंकरों का कहना है कि समूह फिलहाल हिंदुस्तान जिंक के सौदे को मार्च बीतने से पहले पूरा करने पर ध्यान दे रहा है मगर सब कुछ सरकार पर निर्भर करता है।

First Published : March 8, 2023 | 10:28 AM IST