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दुनिया का पहला 3D-printed रॉकेट हुआ लॉन्च, लेकिन ऑर्बिट में पहुंचने में रहा विफल

Published by
बीएस वेब टीम
Last Updated- March 23, 2023 | 3:39 PM IST

एयरोस्पेस कंपनी, रिलेटिविटी स्पेस ने दुनिया का पहला 3डी प्रिंटेड रॉकेट को अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक लॉन्च किया। हालाँकि, मिशन पूरी तरह से सफल नहीं हुआ क्योंकि यह Terran 1 ऑर्बिट में पहुंचने में विफल रहा है। न्यूज एजेंसी AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, मिशन उड़ान में लगभग तीन मिनट विफल रहा।

3D Printed Rocket Terran 1 भले ही ऑर्बिट तक नहीं पहुंच सका लेकिन इसको लॉन्च करने वाली एयरोस्पेस कंपनी ने कहा कि रॉकेट का लॉन्च होना ही अपने आप में एक बड़ी जीत है, क्योंकि रॉकेट स्ट्रक्चर के लिए निर्धारित अधिकतम डायनामिक प्रेशर कंडीशन की स्थिति का सामना करने में सफल रहा है।

Relativity Space ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर एक ट्वीट में कहा कि 3डी प्रिंटेड रॉकेट टेक्नोलॉजी का लॉन्च होना यह साबित करता है कि ये तकनीक अगले रॉकेट Terran R के लिए सक्षम होगी। ट्वीट में इस बात की भी जानकारी दी गई है कि इस रॉकेट को मैक्स क्यू के माध्यम से सफलतापूर्वक बनाया गया है।

कंपनी ने इस रॉकेट को एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग अप्रोच का बड़ा प्रूफ कहा है।

बता दें कि कंपनी ने इस महीने की शुरुआत में निर्धारित लिफ्ट-ऑफ से मिनट पहले लगभग पूरी तरह से 3D Printed भागों से बने एक रॉकेट के लॉन्च को रद्द कर दिया था।

दो-चरण, 110 फीट लंबा, 7.5 फीट चौड़ा, इस रॉकेट को पूर्व मिसाइल साइट से लो अर्थ ऑर्बिट में लॉन्च करने का प्रयास किया गया था।
स्पेस कंपनी ने बताया कि यह रॉकेट मेन इंजन कटऑफ और स्टेज सेपरेशन के माध्यम से आगे बढ़ पाया है। इसके अलावा, एयरोस्पेस कंपनी ने कहा कि आने वाले दिनों में कंपनी फ्लाइट डेटा का आकलन करने के बाद सार्वजनिक अपडेट्स दे सकेगी।

रिलेटिविटी स्पेस ने कहा कि इसका 85% हिस्सा 3D प्रिंटिड है। ये दुनिया का सबसे बड़ा 3D प्रिंटिड ऑब्जेक्ट है। इसके अलावा इसको सबसे बड़े 3D मेटल प्रिंटर्स की मदद से बनाया है।

कंपनी ने बताया कि इस रॉकेट को बनाने में सिर्फ 60 दिन का समय लगता है। इसके अलावा कंपनी एक टेरेन-R रॉकेट भी बना रही है, जो करीब 20 हजार किलो का भार ले जाने में सक्षम होगा। कंपनी के अनुसार, इसको साल 2024 में लॉन्च किया जाएगा।

First Published : March 23, 2023 | 3:39 PM IST