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अमेरिका अब G-7 सदस्य देशों पर दबाव बना रहा है कि वे भारत और चीन- जो कि रूसी तेल के सबसे बड़े खरीदार हैं- पर ज्यादा टैरिफ लगाएं, ताकि रूस को यूक्रेन पर शांति वार्ता के लिए मजबूर किया जा सके। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह कदम राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की ओर से शांति समझौते को आगे बढ़ाने के प्रयास का हिस्सा है। रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार (स्थानीय समय) को सात बड़ी अर्थव्यवस्थाओं (G7) के वित्त मंत्री वीडियो कॉल में अमेरिकी प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे।
हाल ही में ट्रंप ने यूरोपीय संघ से भी आग्रह किया था कि भारत और चीन पर 100 फीसदी टैरिफ लगाया जाए, क्योंकि ये देश रूस से कच्चा तेल खरीद रहे हैं। उनका कहना है कि यह कदम राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की जंग को बढ़ावा दे रहा है। हालांकि रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ईयू अधिकारी इस कदम को मुश्किल मानते हैं क्योंकि इससे यूरोपीय अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा और चीन की ओर से पलटवार संभव है। इसके अलावा नई दिल्ली के साथ जल्द ही होने वाले व्यापार समझौते पर असर पड़ सकता है।
अमेरिकी वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “चीन और भारत की रूसी तेल की खरीद पुतिन की युद्ध मशीन को फंड कर रही है और यूक्रेनी लोगों की बेवजह जान ले रही है। अगर ईयू सचमुच युद्ध खत्म करना चाहता है तो उसे हमारे साथ मिलकर टैरिफ लगाने होंगे। यह टैरिफ युद्ध खत्म होते ही वापस ले लिया जाएगा।” प्रस्तावित टैरिफ की दर स्पष्ट नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों ने बताया कि अमेरिका ने 50 से 100 फीसदी तक की दरें सुझाई हैं।
हालांकि, ट्रंप प्रशासन भारत और चीन दोनों पर टैरिफ बढ़ाने की बात कर रहा है, लेकिन इसी हफ्ते ट्रंप ने भारत पर नरम रुख दिखाया। ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा, “मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भारत और अमेरिका व्यापार बाधाओं को दूर करने पर बातचीत कर रहे हैं। मैं जल्द ही अपने अच्छे मित्र प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत करूंगा। मुझे यकीन है कि दोनों देशों के लिए सकारात्मक नतीजा आएगा।”
रॉयटर्स के अनुसार, ट्रंप के दूत पद के लिए चुने गए सर्जियो गोर ने कहा कि दोनों देश “ज्यादा दूर नहीं” हैं और आने वाले हफ्तों में टैरिफ मुद्दे पर समझौता हो जाएगा। उन्होंने कहा, “हम अपने दोस्तों से अलग उम्मीद रखते हैं।”
भारत-अमेरिका के रिश्ते जुलाई 30 को तनावपूर्ण हो गए थे, जब ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी ‘रिसिप्रोकल टैरिफ’ लगाया था। इसके बाद भारत द्वारा रूसी तेल खरीद जारी रखने पर ट्रंप ने भारतीय सामान पर और 25 फीसदी टैरिफ की घोषणा की। फिलहाल भारत और अमेरिका का द्विपक्षीय व्यापार सालाना 190 अरब डॉलर से ज्यादा है।