देश के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने घोषणा की है कि उसका लक्ष्य वित्त वर्ष 2027 तक 40 लाख घरों को सौर ऊर्जा से जोड़ना है। बैंक, अक्षय ऊर्जा को अपनाने और देश में तय किए गए 2070 तक के शुद्ध शून्य उत्सर्जन लक्ष्यों को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहता है।
एसबीआई ने एक बयान में कहा कि बैंक ने भारत को अपनी सेवाएं देते हुए 70 साल पूरे कर लिए हैं। करीब 66 लाख करोड़ रुपये की बैलेंसशीट और 52 करोड़ से अधिक ग्राहकों के साथ, एसबीआई अपने आठवें दशक में प्रवेश कर रहा है और बैंक का पूरा जोर स्थिरता, डिजिटल नवाचार और समावेशी विकास पर केंद्रित रहा है।
1955 में अपनी स्थापना के बाद से ही एसबीआई, भारत के शुरुआती विकास लक्ष्यों का समर्थन करने से लेकर उसकी डिजिटल और हरित अर्थव्यवस्था की एक प्रेरक शक्ति बन गया है।
बैंक का सौर रूफटॉप निवेश कार्यक्रम 1 करोड़ आवासीय परियोजनाओं को सौर ऊर्जा से जोड़ने के राष्ट्रीय उद्देश्य के अनुरूप है। दिसंबर 2024 में, बैंक ने आवासीय सौर रूफटॉप परियोजनाओं की फंडिंग करने के लिए एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के साथ 9.05 करोड़ डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए। एसबीआई ने आवासीय क्षेत्र में सौर रूफटॉप परियोजनाएं लगाने का समर्थन करने के लिए वर्ष 2023 में विश्व बैंक से 16.5 करोड़ डॉलर की ऋण भी जुटाया है।
बैंक, ग्राहकों को उत्कृष्ट सेवाएं देने पर लगातार ध्यान केंद्रित कर रहा है और डिजिटलीकरण, मानकीकरण और केंद्रीकरण के माध्यम से अपने व्यापार वित्त परिचालन का आधुनिकीकरण कर रहा है। कोलकाता में एक नया केंद्र, पूरे भारत की शाखाओं को सेवा देगा, जिससे तेज और कुशल सेवा सुनिश्चित हो पाएगी।
एसबीआई, ग्राहकों के अनुभवों को बेहतर बनाने के लिए सक्रियता से जेनेरेटिव आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई), बिग डेटा, प्रीडिक्टिव एनालिटिक्स और लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) का उपयोग कर रहा है। बैंक, चालू वित्तीय वर्ष में 25,000 से अधिक एटीएम मशीनों को आधुनिक बनाएगा। एसबीआई का कहना है कि इसे आगामी डेटा लेकहाउस परियोजना का समर्थन मिला है जो बैंक के संचालन में वास्तविक समय एआई से जुड़ी गहरी समझ देगी।