टेक-ऑटो

अब डाकखाने में भी चार्ज हो जाएगा आपका इलेक्ट्रिक वाहन, इस राज्य में सेवा शुरू; थंडर प्लस से हुआ करार

India Post EV charging: थंडर प्लस - ट्रिनिटी क्लीनटेक ईवी चार्जिंग का ढांचा बनाने वाली और चार्जिंग पॉइंट चलाने वाली अग्रणी कंपनी है, जो चार्जिंग के अनूठे तरीके ला रही है।

Published by
शाइन जेकब   
Last Updated- September 11, 2024 | 10:51 PM IST

कहते हैं कि भारत में डाक की शुरुआत सन् 1296 में अलाउद्दीन खिलजी की हुकूमत में हुई थी। उस दौर में चिट्ठियां यहां से वहां पहुंचाने में घोड़ों का इस्तेमाल किया जाता था। सदियों तक चिट्ठियां घोड़ों की पीठ पर सवार रहीं और फिर सन् 1766 में वारेन हैस्टिंग्स के दिमाग में ‘कंपनी मेल’ का ख्याल आया। अंग्रेजी हुकूमत की यही डाक सेवा बदलावों के गलियारों से गुजरती हुई आज की इंडिया पोस्ट यानी भारतीय डाक बन गई।

सात सौ साल से भी ज्यादा अरसे में बड़े-बड़े बदलाव देख चुकी डाक सेवा अब एकदम नया काम करने जा रही है और वह है इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की चार्जिंग। जी हां, हो सकता है कि जल्द ही आपको अपने करीब के डाकखाने के अहाते में कार और स्कूटर चार्ज होते दिख जाएं। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में सैनिकपुरी के एक डाकखाने में इसकी शुरुआत हो भी चुकी है।

ईवी चार्ज करने वाली कंपनी थंडर प्लस ने भारतीय डाक सेवा के साथ मिलकर इस डाकघर में चार्जिंग स्टेशन लगाया है। कंपनी का कहना है कि वह ज्यादातर डाकघरों और सार्वजनिक परिसरों में ईवी चार्जिंग के उपकरण लगाएगी ताकि देश भर में बैटरी खत्म होने या ईवी बीच में रुकने के डर से परेशान लोगों को राहत मिल सके।

थंडर प्लस – ट्रिनिटी क्लीनटेक ईवी चार्जिंग का ढांचा बनाने वाली और चार्जिंग पॉइंट चलाने वाली अग्रणी कंपनी है, जो चार्जिंग के अनूठे तरीके ला रही है। कई तरह के ईवी चार्जर और फास्ट चार्जर बनाने वाली इस कंपनी ने हैदराबाद, बेंगलूरु, दिल्ली और चेन्नई समेत देश के 65 से ज्यादा स्थानों पर 2000 से अधिक चार्जिंग स्टेशन लगाए हैं।

थंडर प्लस और भारतीय डाक की यह जुगलबंदी पर्यावरण के अनुकूल वाहनों को बढ़ावा देने में मील का बड़ा पत्थर साबित हो सकती है। थंडर प्लस के मुख्य कार्य अधिकारी वाईएसआर राजीव ने कहा, ‘दुनिया में किसी भी संस्था के पास इंडिया पोस्ट जितनी इमारतें नहीं हैं। ईवी चार्जिंग की व्यवस्था वाले पहले डाकघर ने भविष्य में अनगिनत और अनूठे मौकों का रास्ता गढ़ दिया है। देश में बैटरी खत्म होने या ईवी बीच में रुकने का डर खत्म करने के हमारे मकसद में यह बहुत काम आएगा।’

सैनिकपुरी डाकखाना देश में अपनी तरह का पहला ईवी चार्जिंग स्टेशन है। सार्वजनिक डाकखाने को हरित ऊर्जा का केंद्र बनाने से भारत में पर्यावरण के अनुकूल परिवहन के भविष्य को नया पड़ाव मिला है। थंडर प्लस का कहना है कि इससे इलेक्ट्रिक वाहनों को आसानी से चार्ज किया जा सकेगा और कई शहरों में चार्जिंग ढांचा भी तैयार किया जा सकेगा।

डाक विभाग की एक वरिष्ठ अधिकारी श्रीलता ने कहा, ‘भारत में इलेक्ट्रिक वाहन बेहद तेजी से अपनाए जा रहे हैं। मगर बुनियादी ढांचे से जुड़ी चुनौतियों को पार करना अभी बाकी है। इसके लिए रियल एस्टेट, बिजली, निवेश पर अच्छे रिटर्न, तकनीक की स्वीकार्यता और नियमों के सख्ती से पालन की जरूरत है। साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि चार्जर और बिजली की कीमत कम से कम रहे। इन चुनौतियों से पार पाने के लिए थंडर प्लस के साथ सफर शुरू कर हम खुश हैं। हमें उम्मीद है कि यह सभी के लिए फायदे की बात होगी।’

दिलचस्प है कि भारतीय डाक ने 19वीं सदी के आखिर में ही चिट्ठियों से आगे कदम बढ़ाना शुरू कर दिया था। विभाग मनी ऑर्डर, डाक बचत खाते और जीवन बीमा पॉलिसी बेचने लगा, जिसके बाद वह खास तौर पर देहात में वित्तीय व्यवस्था का जरूरी हिस्सा बन गया। विशेषज्ञों को उम्मीद है कि ईवी चार्जिंग भी उसी तरह से सफल साबित होगा और विभाग को इससे अच्छी कमाई भी होगी क्योंकि कई शहरों में डाकखाने प्रमुख इलाकों में हैं और लंबी-चौड़ी जमीन पर बने हैं।

First Published : September 11, 2024 | 10:51 PM IST