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Drone Technology में भारत सरकार का बड़ा कदम, QKD प्रणाली विकसित करने के लिए किया MoU

दोनों संस्थाएं मिलकर ऐसे क्वांटम कम्युनिकेशन सिस्टम्स का विकास करेंगी, जो ड्रोन के माध्यम से तेज, सुरक्षित और भरोसेमंद डेटा ट्रांसमिशन को संभव बनाएंगे।

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निमिष कुमार   
Last Updated- May 12, 2025 | 4:02 PM IST

भारत को क्वांटम सुरक्षित संचार (Quantum Secure Communication) के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और वैश्विक नेता बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए, Centre for Development of Telematics (C-DOT) ने Synergy Quantum India Private Limited के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह साझेदारी भारत सरकार के “आत्मनिर्भर भारत” विजन को साकार करने और उभरती सुरक्षित टेलीकॉम तकनीकों को विकसित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

Ministry of Communications ने बताया कि  इस MoU का उद्देश्य Drone आधारित Quantum Key Distribution (QKD) प्रणाली विकसित करना है, जो decoy-based BB84 protocol और polarization encoding पर आधारित होगी। यह तकनीक Technology Readiness Level (TRL) 6 या उससे ऊपर के स्तर पर तैयार की जाएगी।

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Drone Technology के लिए कैसे फायदेमंद होगा ये MoU?

इस सहयोग के माध्यम से दोनों संस्थाएं मिलकर ऐसे क्वांटम कम्युनिकेशन सिस्टम्स का विकास करेंगी, जो ड्रोन के माध्यम से तेज, सुरक्षित और भरोसेमंद डेटा ट्रांसमिशन को संभव बनाएंगे।

  • दोनों संस्थाएं संयुक्त रूप से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान अनुदानों के लिए प्रस्ताव तैयार करेंगी।
  • शोध प्रकाशनों, श्वेत पत्रों, और सम्मेलनों के माध्यम से इन तकनीकों के परिणामों का प्रसार किया जाएगा।
  • विशेषज्ञ व्याख्यान, लघु पाठ्यक्रम और संगोष्ठियों के आयोजन की भी योजना है।

डॉ. राजकुमार उपाध्याय, CEO, C-DOT ने कहा, “सार्वजनिक अनुसंधान और निजी नवाचार का संगम भारत के डिजिटल भविष्य को सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। क्वांटम टेक्नोलॉजी अगली पीढ़ी के सुरक्षित संचार की कुंजी है और Synergy Quantum के साथ यह साझेदारी हमारे साझा विजन को दर्शाती है।”

जय ओबेरॉय, संस्थापक एवं CEO, Synergy Quantum India ने कहा, “यह साझेदारी भारत को ड्रोन आधारित क्वांटम सुरक्षित संचार के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व दिलाने की क्षमता रखती है।”

यह साझेदारी भारत में क्वांटम-सुरक्षित टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की नींव रखेगी, जिसका उपयोग रक्षा, आपातकालीन सेवाएं, महत्वपूर्ण अवसंरचना और सुरक्षित सरकारी संचार जैसे क्षेत्रों में किया जा सकेगा।

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First Published : May 12, 2025 | 4:02 PM IST