facebookmetapixel
सुप्रीम कोर्ट ने कहा: बिहार में मतदाता सूची SIR में आधार को 12वें दस्तावेज के रूप में करें शामिलउत्तर प्रदेश में पहली बार ट्रांसमिशन चार्ज प्रति मेगावॉट/माह तय, ओपन एक्सेस उपभोक्ता को 26 पैसे/यूनिट देंगेबिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ इंटरव्यू में बोले CM विष्णु देव साय: नई औद्योगिक नीति बदल रही छत्तीसगढ़ की तस्वीर22 सितंबर से नई GST दर लागू होने के बाद कम प्रीमियम में जीवन और स्वास्थ्य बीमा खरीदना होगा आसानNepal Protests: सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ नेपाल में भारी बवाल, 14 की मौत; गृह मंत्री ने छोड़ा पदBond Yield: बैंकों ने RBI से सरकारी बॉन्ड नीलामी मार्च तक बढ़ाने की मांग कीGST दरों में कटौती लागू करने पर मंथन, इंटर-मिनिस्ट्रियल मीटिंग में ITC और इनवर्टेड ड्यूटी पर चर्चाGST दरों में बदलाव से ऐमजॉन को ग्रेट इंडियन फेस्टिवल सेल में बंपर बिक्री की उम्मीदNDA सांसदों से PM मोदी का आह्वान: सांसद स्वदेशी मेले आयोजित करें, ‘मेड इन इंडिया’ को जन आंदोलन बनाएंBRICS शिखर सम्मेलन में बोले जयशंकर: व्यापार बाधाएं हटें, आर्थिक प्रणाली हो निष्पक्ष; पारदर्शी नीति जरूरी

भारत में 1,000 करोड़ रुपये निवेश की एमजी मोटर्स की योजना

Last Updated- December 14, 2022 | 11:45 PM IST

भारत सरकार की तरफ चीन की तरफ से हो रहे निवेश की जांच और देश में चीन विरोधी धारणा में इजाफे के बावजूद चीन की एसआईएसी मोटर की भारतीय इकाई ने कहा है कि क्षमता निर्माण में वह अगले एक साल में 1,000 करोड़ रुपये और निवेश करेगी। साथ ही कंपनी की योजना अपने उत्पादों के लिए स्थानीयकरण में इजाफा करने का है, जिसका मतलब यह है कि भारत में और कारें बनेंगी और उसका इरादा बैटरी का स्थानीयकरण करने व देश में बैटरी की असेंबलिंग करने का है।
एमजी मोटर इंडिया के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक राजीव छाबा ने कहा, आज तक हमने 3,000 करोड़ रुपये निवेश किया है। हलोल संयंत्र में हम अगले 12 महीने में 1,000 करोड़ रुपये और निवेश करने जा रहे हैं, जो मूल रूप से नई पेशकश, अतिरिक्त स्थानीयकरण और क्षमता निर्माण में लगाया जाएगा। ऐसे में कुल मिलाकर हलोल संयंत्र मेंं ही 1,000 करोड़ रुपये निवेश होगा।
कंपनी ने गुजरात का हलोल संयंत्र जनरल मोटर्स से खरीदा था, जिसन् साल 2017 में भारत में अपना कामकाज बंद कर दिया। भारत और चीन लद्दाख में एक दूसरे के खिलाफ मैदान में हैं और इस देश में चीन के ब्रांड को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही सरकार की तरफ से नियामकीय बाधा भी पैदा हुई है।
छाबा ने हालांकि अलग नजरिया पेश किया। उन्होंने कहा कि अल्पावधि में भूराजनैतिक तनाव के कारण अवरोध होंगे, लेकिन लंबी अवधि में वैश्विक निर्भरता इसकी जगह लेगी और व्यापार, तकनीक और विचारों का आदान-प्रदान जारी रहेगा।
अल्पावधि में आपको अवरोध देखने को मिलता है और आप उसमें कोई मदद नहींं कर सकते। हमेशा ही ऐसे ग्राहक होते हैं जो किसी खास देश के उत्पाद नहीं खरीदना चाहते, लेकिन वैश्विक वाहन उद्योग में ग्राहकों का फैसला विभिन्न मानकों पर आधारित होता है। लंबी अवधि में वे किसी खास कारण पर बहुत ज्यादा ध्यान नहींं देते। यह कई चीजों पर निर्भर करता है। देश के 137 शहरों में कंपनी के 220 डीलरशिप हैं और उसकी योजना साल 2021 के आखिर तक डीलरशिप की संख्या 100 और बढ़ाने की है।

First Published - September 28, 2020 | 11:38 PM IST

संबंधित पोस्ट