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नए साल से महंगी हो जाएंगी मर्सिडीज-बेंज और BMW की गाड़ियां, लक्जरी कार कंपनियों ने बढ़ाए दाम

बीएमडब्ल्यू इंडिया ने भी अपने मॉडलों पर इसी तरह से 3 प्रतिशत की दाम वृद्धि का ऐलान किया है। इनमें बीएमडब्ल्यू 2 सीरीज, 3 सीरीज और 7 सीरीज जैसी कारण शामिल हैं।

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अंजलि सिंह   
Last Updated- November 24, 2024 | 9:57 PM IST

महंगाई के बढ़ते दबाव, कच्चे माल की बढ़ती लागत और बढ़ते परिचालन व्यय के कारण लक्जरी कार विनिर्माता मर्सिडीज-बेंज इंडिया और बीएमडब्ल्यू इंडिया ने 1 जनवरी, 2025 से अपने सभी मॉडलों के दाम तीन प्रतिशत तक बढ़ाने का ऐलान किया है।

मर्सिडीज-बेंज इंडिया मॉडल के आधार पर एक्स-शोरूम कीमतों में दो लाख रुपये से लेकर नौ लाख रुपये तक का संशोधन करेगी। इस संशोधन से जीएलसी एसयूवी और हाई-एंड मर्सिडीज-मेबैक एस 680 लिमोजिन जैसी गाड़ियों पर असर पड़ेगा।

कंपनी ने दामों में इस बदलाव के लिए मुख्य कारकों के रूप में कच्चे माल की बढ़ी लागत, जिंसों की कीमतों में उतार-चढ़ाव और लॉजिस्टिक के अधिक खर्च का हवाला दिया है। अलबत्ता कंपनी पिछली तीन तिमाहियों से लागत के इन दबावों का अधिकांश हिस्सा उठाती आ आ रही है।

मर्सिडीज-बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी संतोष अय्यर ने बताया, ‘अपने कारोबार की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए हमने कीमतों में मामूली सुधार का फैसला किया है। हालांकि हम अपनी परिचालन लागतों को सुव्यवस्थित करते हुए लागत के इन दबावों को वहन करते आ कर रहे हैं, लेकिन मौजूदा चुनौतियों की वजह से पूरे लाभ पर असर पड़ रहा है।’

बीएमडब्ल्यू इंडिया ने भी अपने मॉडलों पर इसी तरह से 3 प्रतिशत की दाम वृद्धि का ऐलान किया है। इनमें बीएमडब्ल्यू 2 सीरीज, 3 सीरीज और 7 सीरीज जैसी स्थानीय रूप से निर्मित कारों के साथ-साथ बीएमडब्ल्यू एक्स1, एक्स3, एक्स5 और एक्स7 जैसी लोकप्रिय एसयूवी शामिल हैं। इस मूल्य वृद्धि का असर आयातित मॉडलों पर भी पड़ेगा, जिनमें बीएमडब्ल्यू आई4, आईएक्स और एम-सीरीज कारें शामिल हैं। बीएमडब्ल्यू इसके लिए बाजार के बदलते हालात, महंगाई और इनपुट की बढ़ती लागतों का हवाला देती है।

विश्लेषकों का मानना है कि कच्चे माल और लॉजिस्टिक की बढ़ती लागत तथा मुद्रा में उतार-चढ़ाव के मद्देनजर 3 से 5 प्रतिशत की मूल्य वृद्धि पूरे उद्योग के लिए मानक बदलाव बन रही है। प्राइमस के प्रबंध निदेशक अनुराग सिंह ने कहा, ‘वाहन कंपनियों, विशेष रूप से आयात पर अत्यधिक निर्भर लक्जरी कार विनिर्माताओं के मामले में इनपुट लागत आयात की ज्यादा सामग्री और मजबूत होते डॉलर की वजह से बढ़ रही है। हालांकि दिसंबर आम तौर पर छूट वाला महीना होता है जबकि जनवरी में आम तौर पर दामों में वृद्धि देखी जाती है।’

सिंह का मानना है कि मौजूदा आर्थिक माहौल में उद्योग का लाभ बनाए रखने के लिए 3 से 5 प्रतिशत की कीमत वृद्धि जरूरी है। उन्होंने यह भी बताया कि वाहन बाजार में दिसंबर आम तौर पर छूट का महीना होता है, जिससे विनिर्माताओं के लिए नए साल से पहले दाम वृद्धि को ग्राहकों पर डालना मुश्किल हो जाता है।

इस कीमत बढ़ोतरी के बावजूद मर्सिडीज-बेंज और बीएमडब्ल्यू दोनों ही फाइनैंसिंग का लचीला विकल्प उपलब्ध कराकर अपने ग्राहकों पर पड़ने वाले असर को कम करने का प्रयास कर रहे हैं। इनमें कम ब्याज दरें, आकर्षक मासिक भुगतान और विस्तारित टर्म-एंड अवसर शामिल हैं। दोनों कंपनियां जनवरी 2025 में मूल्य संशोधन लागू होने से पहले वाहन बुक करने वाले ग्राहकों के लिए मूल्य संरक्षण प्रदान कर रही हैं।

First Published : November 24, 2024 | 9:57 PM IST