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WhatsApp और Facebook सहित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर निवेश के नाम पर धोखाधड़ी बढ़ी

I4C के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी और अप्रैल 2024 के बीच भारतीयों द्वारा साइबर अपराधियों के कारण खोई गई कुल राशि 17.6 अरब रुपये थी।

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आशुतोष मिश्र   
Last Updated- July 05, 2024 | 10:55 PM IST

Investment scams: साइबर सुरक्षा फर्म क्लाउड एसईके के एक शोध से पता चलता है कि व्हाट्सऐप, फेसबुक, एक्स (पहले ट्विटर) और टेलीग्राम समेत प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर निवेश संबंधी धोखाधड़ी के मामलों में इजाफा हुआ है। फर्म के शोध में इस साल जनवरी से जून के बीच फेसबुक पर 29,000 से अधिक ऐसे धोखाधड़ी वाले निवेश विज्ञापनों के साथ व्हाट्सऐप पर 81 हजार से ज्यादा फर्जी निवेश ग्रुप के बारे में पता चला है।

रिपोर्ट के मुताबिक, छह साल से अधिक समय से अपने सहयोगियों के काम करने वाला एक घोटालेबाज हर महीने करीब 50 हजार डॉलर यानी करीब 41 लाख रुपये की कमाई करता है। इसके अलावा, फोन नंबर और नाम जैसे 10 हजार व्यक्तिगत आंकड़ों की जानकारी 100 डॉलर में मिलती है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘इन ग्रुपों में घोटालेबाज निवेशकों को कमाई के फर्जी आंकड़े देते हैं और उच्च रिटर्न का वादा कर उनके साथ धोखाधड़ी को अंजाम देते हैं। निवेश के बाद वे गायब हो जाते हैं और इससे पीड़ित को भारी वित्तीय नुकसान होता है।’

इन घोटालों में चोरी किए गए आंकड़ों, फर्जी प्रोफाइल और पीड़ितों के पैसे हड़पने के लिए धांधली वाले ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म शामिल हैं। क्लाउड एसईके ने एक्स पर 81 हजार से अधिक ऐसे फर्जी प्रोफाइल की पहचान की है, जो उपयोगकर्ताओं को धोखा देने के लिए वित्तीय संस्थानों के नाम का दुरुपयोग करते हैं।

इसके अलावा, भारत, मलेशिया, अमेरिका और वियतनाम जैसे देशों में ऐसे निवेश घोटाले खूब हो रहे हैं। भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल जनवरी से अप्रैल के बीच साइबर अपराधियों द्वारा किए गए फर्जीवाड़े से भारतीयों ने कुल 1.76 अरब रुपये गंवाए हैं।

ऐसे करते हैं फर्जीवाड़ा

जालसाज अलग-अलग तरीकों से आंकड़े जुटाते हैं। इनमें सोशल मीडिया विज्ञापन, अनचाहे प्रत्यक्ष संदेश, फर्जी निवेश समूह और एसएमएस से भेजे गए आमंत्रण शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके लिए एक पूरी व्यवस्था तैयार की गई है, जहां अपराधी ब्रोकरों से फर्जीवाड़ा कर जुटाए गए ट्रेडिंग आंकड़ों की खरीद करते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘ब्रोकर संगठित अपराधियों के समूह को आंकड़ों की बिक्री करते हैं, जो बड़े पैमाने पर ऐसे घोटाले करते हैं। घोटालों को अंजाम देने के लिए संचालकों और अभिनेताओं को भी रखा जाता है, जो खुद को सफल निवेशक बताते हैं और पीड़ितों को व्हाट्सऐप ग्रुप में लुभाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं।’

First Published : July 5, 2024 | 8:22 PM IST