त्योहारी सीजन नजदीक आने के साथ ही कार बनाने वाली कंपनियां अगस्त-नवंबर के दौरान नई गाड़ियां लॉन्च करने की तैयारी कर रही हैं, जिनमें से ज्यादातर इलेक्ट्रिक वाहन (EVs) होंगे। ई-विटारा, टाटा सिएरा ईवी और विनफास्ट एसयूवी के साथ, लग्जरी कार निर्माता BMW iX 2025, Audi Q6 e-tron और Mercedes-Benz CLA Electric लॉन्च करेंगे। महिंद्रा के Vision S और SXT कॉन्सेप्ट प्रोडक्शन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
दो-पहिया सेगमेंट में नए स्कूटर्स और प्रीमियम इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिलें देखने को मिलेंगी। हालांकि बड़े पैमाने पर बिकने वाली ई-मोटरसाइकिलें कम से कम एक साल बाद तक उपलब्ध होंगी।
प्राइमस पार्टनर्स के वाइस प्रेसिडेंट निखिल ढाका ने कहा, “अगस्त से नवंबर तक का त्योहारों का मौसम भारत में अब तक का सबसे बड़ा ईवी लॉन्च सीजन हो सकता है। हम बड़े पैमाने पर बिकने वाली SUVs, लग्जरी EVs और किफायती स्कूटर्स सभी को एक ही समय में बाजार में आते हुए देख रहे हैं, जो एक दुर्लभ संगम है और यह शहरी और अर्ध-शहरी दोनों तरह की मांग को बढ़ावा दे सकता है।”
2025 के पहले छमाही में भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) गतिविधियों में तेजी आई है, जिसमें ग्लोबल दिग्गज और घरेलू ऑटो निर्माता त्योहारों के महत्वपूर्ण सीजन से पहले लॉन्च बढ़ा रहे हैं।
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जुलाई में Tesla के लंबे समय से प्रतीक्षित Model Y की एंट्री ने माहौल तय किया, इसके बाद मास-मार्केट लॉन्च हुए जैसे हुंडई क्रेटा ईवी, टाटा हैरियर ईवी, किआ कैरेंस क्लैविस ईवी, हुंडई वेन्यू ईवी और महिंद्रा की BE 6 और XEV 9E। टाटा सफारी ईवी की भी पुष्टि हो गई, जबकि दो-पहिया निर्माताओं ने काइनेटिक ग्रीन DX इलेक्ट्रिक स्कूटर जैसे नए विकल्प पेश किए।
3 जून को लॉन्च हुई टाटा हैरियर ईवी की बुकिंग जुलाई की शुरुआत में शुरू हुई थी और इसकी कीमतें ₹24 लाख से ₹30 लाख के बीच होने की उम्मीद है। किआ ने 15 जुलाई को अपनी कैरेंस क्लैविस ईवी लॉन्च की, जिसकी शुरुआती कीमत ₹17.99 लाख है। मारुति सुजुकी की पहली ऑल-इलेक्ट्रिक एसयूवी – ई-विटारा – सितंबर में दो बैटरी विकल्पों और 500 किलोमीटर तक की रेंज के साथ लॉन्च होने वाली है। वियतनामी वाहन निर्माता कंपनी विनफास्ट भी अपने तमिलनाडु प्लांट में निर्मित VF6 और VF7 के साथ भारत में प्रवेश की तैयारी कर रही है।
इस तेजी के बावजूद, उद्योग के हितधारक कुछ चुनौतियों के बारे में चेतावनी दे रहे हैं। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सी.एस. विग्नेश्वर ने रेयर अर्थ- मैग्नेट की सप्लाई संबंधी चिंताओं की ओर इशारा करते हुए कहा, “ईवी की पहुंच तभी बढ़ेगी जब कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।”
पैसेंजर वाहनों में ईवी की हिस्सेदारी वर्तमान में 4–4.5% अनुमानित है, जबकि दो-पहिया वाहनों में यह 5–7% है। विश्लेषकों का कहना है कि ईवी अपनाने की दर नए उत्पादों के लॉन्च पर काफी निर्भर करती है, और प्रारंभिक मांग में वृद्धि के बाद अक्सर हिस्सेदारी स्थिर हो जाती है।
विश्लेषकों ने कम प्रोत्साहन, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमियों और रि-सेल वैल्यू संबंधी चिंताओं को तेज विकास में बाधा बताया है। कड़े उत्सर्जन मानकों के कारण नियामक दबाव OEMs को निवेश के लिए मजबूर कर रहा है, लेकिन खासकर रेयर अर्थ- मैटेरियल्स की सप्लाई में रुकावटें त्योहारों के मौसम में लॉन्च को धीमा कर सकती हैं।
बीएनपी परिबास के विश्लेषक कुमार राकेश ने कहा, “भारत में ईवी अपनाना काफी हद तक नए लॉन्च पर निर्भर है। जब नए मॉडल बाजार में आते हैं तो हिस्सेदारी में बढ़ोतरी होती है, लेकिन लगातार मांग नहीं होने पर यह अक्सर स्थिर हो जाती है। सप्लाई चेन समस्याएं, खासकर रेयर अर्थ- मैटेरियल्स की कमी, इस त्योहारों के सीजन में हमारी अपेक्षित गति को धीमा कर सकती हैं।”
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फिर भी, आने वाले उत्पादों की संख्या — सस्ते स्कूटर्स से लेकर आकांक्षी लग्जरी SUVs तक — भारत के EV बाजार के विस्तार का संकेत देती है। यदि लॉन्च योजना के अनुसार होते हैं, तो यह त्योहारों का मौसम देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लिए एक नया मुकाम हासिल कर सकता है।