टेक-ऑटो

Bharat Mobility Global Expo 2025: EVs की पैठ बढ़ाने के लिए ईवी और गैस-तेल इंजन वाले वाहनों की कीमतों में अंतर घटाना जरूरी- Kia

फाडा के अनुसार साल 2024 के दौरान भारत में करीब 99,165 इलेक्ट्रिक कारें बेची गईं और इसमें सालाना आधार पर 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई।

Published by
दीपक पटेल   
Last Updated- January 19, 2025 | 10:13 PM IST

Bharat Mobility Global Expo 2025: जब ग्राहक गाड़ी खरीदने जाएं, तो इले​क्ट्रिक वाहन (ईवी) भी गैस-तेल इंजन के बराबर टक्कर वाले विकल्प दिखें, इसके लिए दोनों की कीमतों का अंतर मौजूदा 30 से 50 प्रतिशत से कम करके 20 से 25 प्रतिशत तक करना होगा, जिससे इस दशक के अंत तक ईवी बाजार में संभावित रूप से सात से नौ गुना उछाल आएगी। किया इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और बिक्री एवं विपणन प्रमुख हरदीप सिंह बराड़ ने यह जानकारी दी है।

फाडा के अनुसार साल 2024 के दौरान भारत में करीब 99,165 इलेक्ट्रिक कारें बेची गईं और इसमें सालाना आधार पर 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई। बराड़ ने भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो में बातचीत के दौरान बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हम अगले एक साल के भीतर दो ईवी पेश करने वाले हैं। पहला ईवी साल की दूसरी छमाही में आएगा और दूसरा अगले साल की पहली छमाही में।’

उन्होंने कहा, ‘हमारा अनुमान है कि साल 2030 तक वाहन उद्योग 55 लाख से 60 लाख वाहनों के बीच वार्षिक बिक्री दर्ज करेगा। हमारा अनुमान है कि उस बाजार में ईवी की पैठ 15 प्रतिशत होगी, जो तकरीबन 7,00,000 से 9, 00,000 वाहनों की वार्षिक बिक्री है।’ उन्होंने कहा कि ईवी और गैस-तेल इंजन वाले वाहनों के बीच दामों के अंतर में महत्वपूर्ण कमी हासिल करना ईवी की बिक्री में कई गुना वृद्धि करने के लिए आवश्यक है।

उन्होंने कहा, ‘वर्तमान में ईवी गैस-तेल वाहले वाहनों के मुकाबले में करीब 30 से 50 प्रतिशत ज्यादा महंगे हैं। मेरा मानना ​​है कि ईवी के लिए इन्फ्लेक्शन पॉइंट तब आएगा, जब यह मूल्य अंतर कम होकर 20 से 25 प्रतिशत तक रह जाएगा। तभी लोग आना शुरू करेंगे।’

मारुति सुजूकी और ह्युंडै जैसी कई दिग्गज कार विनिर्माता कंपनियों ने ग्लोबल एक्सपो में बड़े स्तर के बाजार वाले अपने इले​​क्ट्रिक वाहनों का अनावरण किया है। उन्होंने कहा कि शहरों के भीतर नहीं, बल्कि राजमार्गों पर ड्राइविंग करने से ग्राहकों में रेंज की चिंता पैदा हो रही है।
उन्होंने कहा, ‘हमें राजमार्गों पर चार्जिंग के बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है, क्योंकि शहर के अंदर 80 प्रतिशत ग्राहक सार्वजनिक चार्जर का इस्तेमाल नहीं करते हैं, क्योंकि वे अपने कार्यस्थल पर जाते हैं, रात को वापस आते हैं और वाहन को चार्जिंग पर लगा देते हैं।’

First Published : January 19, 2025 | 10:13 PM IST