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घरेलू बिक्री में सुस्ती के बीच कार कंपनियों का निर्यात 15% बढ़ा, मारुति सुजुकी ने रखा 4 लाख यूनिट का लक्ष्य

यात्री कार बाजार की अग्रणी कंपनी मारुति सुजूकी की नजर भारत से यात्री वाहनों के कुल निर्यात में 50 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने पर है।

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शाइन जेकब   
Last Updated- June 02, 2025 | 11:16 PM IST

देसी बाजार में यात्री कारों की मांग में नरमी के बीच वाहन उद्योग की प्रमुख कंपनियां चालू वित्त वर्ष के दौरान निर्यात में जबरदस्त तेजी दर्ज कर रही हैं। यात्री कार बाजार की अग्रणी कंपनी मारुति सुजूकी की नजर भारत से यात्री वाहनों के कुल निर्यात में 50 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने पर है। मारुति ने पिछले वित्त वर्ष में 3,32,585 वाहनों का निर्यात किया था। चालू वित्त वर्ष के दौरान वह 20 फीसदी वृद्धि के साथ 4,00,000 से अधिक वाहनों के निर्यात की उम्मीद कर रही है। ह्युंडै मोटर इंडिया ने वित्त वर्ष 2025 में करीब 1,63,386 वाहनों का निर्यात किया था और अब उसकी नजर निर्यात में 7 से 8 फीसदी की वृद्धि पर है।

भारत से वाहनों के निर्यात में मारुति और ह्युंडै का वर्चस्व है। मारुति की कुल बाजार हिस्सेदारी 43 फीसदी और ह्युंडै की बाजार हिस्सेदारी 21 फीसदी है। मगर दिलचस्प बात यह है कि वित्त वर्ष 2025 के दौरान अन्य प्रमुख वाहन कंपनियों के निर्यात में भी काफी वृद्धि दर्ज की गई है। इससे घरेलू बाजार में कमजोर बिक्री की काफी हद तक भरपाई करने में मदद मिली है।

निसान मोटर के निर्यात में 66 फीसदी की जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई जबकि उसकी घरेलू बिक्री में 8 फीसदी की गिरावट आई। होंडा कार्स की घरेलू बिक्री में 24 फीसदी की गिरावट आई, मगर उसके निर्यात में 60 फीसदी की शानदान बढ़त दर्ज की गई। इसी प्रकार फोक्सवैगन की देसी बिक्री में 2 फीसदी की गिरावट के बावजूद निर्यात में 12 फीसदी की वृद्धि हुई। वित्त वर्ष 2024-25 में उद्योग के कुल निर्यात में 15 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई जबकि देसी बाजार की बिक्री में महज 2 फीसदी की बढ़त रही।

मारुति सुजूकी इंडिया के कार्यकारी निदेशक (कॉरपोरेट मामले) राहुल भारती ने कहा, ‘हमने वित्त वर्ष 2026 के लिए निर्यात को 20 फीसदी बढ़ाकर 4,00,000 वाहनों के पार पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। यहां तक कि हमारी नजर 50 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने पर भी है।’ कंपनी के शीर्ष निर्यात मॉडलों में फ्रोंक्स, बलेनो, स्विफ्ट, डिजायर और जिम्नी शामिल हैं। मारुति के प्रमुख निर्यात बाजारों में अफ्रीका, जापान, चिली, सऊदी अरब और मेक्सिको शामिल हैं।

मारुति की कुल घरेलू बिक्री 5 फीसदी घटकर 1,48,858 वाहन रह गई जबकि मई 2025 में उसका निर्यात 80 फीसदी की उछाल के साथ 31,219 वाहन हो गया। साल 2024 की समान अवधि में यह आंकड़ा 17,367 वाहनों का था। वित्त वर्ष 2026 के पहले दो महीनों के दौरान कंपनी का निर्यात 50 फीसदी बढ़कर 59,130 वाहन हो गया जिससे घरेलू बिक्री में मामूली गिरावट की भरपाई हो गई।

ह्युंडै मोटर्स इंडिया की मासिक घरेलू बिक्री 11 फीसदी घटकर 43,861 वाहन दर्ज की गई जबकि उसका निर्यात 3 फीसदी बढ़कर 14,840 वाहन हो गया।

एचएमआईएल के पूर्णकालिक निदेशक और मुख्य परिचालन अधिकारी तरुण गर्ग ने कहा, ‘मई में हमारा चेन्नई कारखाना रखरखाव कार्यों के लिए एक सप्ताह बंद रहा। इससे कुछ मॉडलों की उपलब्धता प्रभावित हुई। हम निर्यात में लगातार वृद्धि दर्ज कर रहे हैं और यह मेक इन इंडिया, मेड फॉर द वर्ल्ड दृष्टिकोण का प्रमाण है।’

एक सूत्र ने बताया कि जनवरी से मई 2025 की अवधि में कंपनी की घरेलू बिक्री 7 फीसदी घट गई जबकि निर्यात में 13 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई।
कंपनी भारत को दक्षिण कोरिया के बाहर अपने सबसे बड़े निर्यात केंद्र के रूप में विकसित कर रही है। उसकी नजर वित्त वर्ष 2026 के दौरान निर्यात को 7 से 8 फीसदी बढ़ाने पर है। कंपनी फिलहाल भारत से यात्री वाहनों की सबसे बड़ी निर्यातक है। वित्त वर्ष 2025 में कंपनी के प्रमुख निर्यात बाजारों में सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, मेक्सिको, चिली और पेरू शामिल थे।

होंडा कार्स इंडिया ने मई में कुल 5,985 वाहनों की बिक्री दर्ज की। कंपनी की घरेलू बाजार में 3,950 वाहनों की बिक्री की जबकि 2,035 वाहनों का निर्यात किया।

होंडा कार्स इंडिया के उपाध्यक्ष (बिक्री एवं विपणन) कुणाल बहल ने कहा, ‘बाजार परिदृश्य और कमजोर उपभोक्ता धारणा के मद्देनजर हमने अपने नेटवर्क में उचित स्टॉक स्तर बनाए रखने के लिए मई में कम आपूर्ति की। मगर अच्छे मॉनसून के अनुमान के कारण आगामी महीनों के दौरान मांगे बेहतर
होने की उम्मीद है।’

First Published : June 2, 2025 | 10:42 PM IST