सिंह ने राजीव गांधी स्टडी सर्किल द्वारा शुरू की गयी वाद-विवाद श्रंृखला के समापन अवसर पर कहा, मैं इससे सहमत हूं कि सूचना प्रौद्योगिकी विकास की एक रेसिपी है। लेकिन साथ ही आदमी को अपने चरित्र और विकास पर भी ध्यान देना होगा।
उन्होंने कहा नौजवानों को आगे बढ़ने के लिये सपने देखने होंगे। सपने नहीं होंगे तो सूचना प्रौद्योगिकी भी आपको आगे नहीं ले जा सकेगी।
गौरतलब है कि राजीव गांधी स्टडी सर्किल ने क्या सूचना प्रौद्योगिकी ही विकास का एकमात्र साधन है विषय पर गत 17 जुलाई को एक वाद-विवाद श्रंृखला शुरू की थी। इसके तहत देश भर के करीब 40 कालेजों से होते हुए लखनउ विश्वविद्यालय में आज अंतिम आयोजन हुआ। पूरी श्रंृखला में करीब 10 हजार विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।