कमजोर मांग और अनबिके मॉडलों का भंडार बढऩे से हीरो मोटोकॉर्प और बजाज ऑटो समेत दोपहिया वाहन विनिर्माता कंपनियों को अपने शुरुआती और एक्जीक्यूटिव मॉडलों पर भारी छूट का सहारा लेना पड़ रहा है, जबकि विनिर्माता अब भी लागत में बढ़ोतरी के दबाव से गुजर रहे हैं।
इस रुझान से यह पता चलता है कि विश्व के सबसे बड़े दोपहिया वाहन बाजार में चुनौतियां खत्म नहीं हुई हैं। डीलरों ने कहा कि दोपहिया बाजार में इन दोनों खंडों (एंट्री एवं एक्जीक्यूटिव) की हिस्सेदारी 75 फीसदी है। कुछ हद तक यह कंपनियों के फरवरी में बिक्री में बढ़ोतरी के आंकड़ों की अहमियत को कमजोर करता है। यह बढ़ोतरी भी पिछले साल के कम आधार की बदौलत हुई थी।
बीएस6 उत्सर्जन नियमों के लागू होने से पहले ही कंपनियों ने डीलरों को वाहन भेजने शुरू कर दिए थे। वाहन कंपनियां डीलरों को भेजे जाने वाले वाहनों को बिक्री के रूप में दिखाती हैं। उदाहरण के लिए बजाज ऑटो अपनी सीटी110 और प्लेटिना मॉडलों पर ग्राहकों को 5,000 रुपये तक के लाभ दे रही है। यह ऑफर 15 मार्च तक के लिए है।
दोपहिया वाहन बाजार की अगुआ हीरो मोटोकॉर्प प्रीमियम मोटरसाइकिलों समेत चुनिंदा मॉडलों पर ग्राहकों को प्रोत्साहन दे रही है। इसका पता 1 मार्च को डीलरों को भेजे गए योजनाओं के परिपत्र से चलता है। कंपनी के एक प्रवक्ता को ईमेल भेजा गया, लेकिन उसका खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं मिला। देश की दूसरी सबसे बड़ी दोपहिया कंपनी होंडा मोटरसाइकिल ऐंड स्कूटर इंडिया (एचएमएसआई) के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि कंपनी की कोई उपभोक्ताओं पेशकश नहीं है। इस बीच इस कंपनी ने सरकारी कर्मचारियों के लिए चलाई जा रही योजना को 15 मार्च तक बढ़ा दिया।
बजाज ऑटो के कार्यकारी निदेशक राकेश शर्मा ने कहा, ‘अगर आप पिछले दो या तीन साल को देखें तो बड़ी कंपनियों के लिए छूट देना थोड़ा असामान्य है। उन्होंने कहा कि ग्राहक पेशकशों की वजह अर्थव्यवस्था के निचले आधे हिस्से में कमजोर मांग है। उन्होंने कहा कि यह अर्थव्यवस्था के उस आधे ऊपरी हिस्से से बिल्कुल विपरीत है, जहां रोजगार, क्रय शक्ति समेत सब कुछ बेहतर नजर आ रहा है।
शर्मा के मुताबिक यह रुझान दोपहिया बाजार में ही दिख रहा है। सुपर प्रीमियम खंड (एक लाख रुपये से अधिक) में सेमीकंडक्टर की किल्लत के कारण आपूर्ति मांग से कम है। उन्होंने कहा कि यहां तक कि 150सीसी या उससे महंगे मॉडलों में भी मांग अच्छी बनी हुई है।