भारत के सुपर प्रीमियम कार बाजार पर कब्जा करने के लिए जापानी, यूरोपीय और कोरियाई कार निर्माता कंपनियों में होड़ मची हुई है।
अब तक इस सेगमेंट के छोटे बाजार (करीब 5,500 कारों की बिक्री) के तौर पर भारत को जाना जाता रहा है, जिसमें होंडा और टोयोटा का वर्चस्व है। इन दोनों कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी करीब 80 फीसदी है।
लेकिन इस साल होंडा और टोयोटा को यूरोपीयन और कोरियाई कार निर्माता कंपनियों से कड़ी टक्कर मिल रही है। इन कंपनियों को स्कोडा के सुपर्व, फॉक्सवैगन के पसात और हुंडई के सोना ट्रांसफॉर्म से कड़ा मुकबला करना होगा। इन कारों की कीमत 17 लाख रुपये से करीब 24 लाख रुपये तक है।
स्कोडा सुपर्व की पिछले साल इस बाजार में हिस्सेदारी करीब 9.8 फीसदी थी, जो इस साल के शुरुआती दो महीनों में बढ़कर 17 फीसदी पहुंच गई, जबकि इसी दौरान होंडा की बिक्री 62 फीसदी से घटकर 52 फीसदी पर आ गई। इस मुकाबले में स्कोडा ऑटो भी उतर गई है, जिसने पिछले महीने पेट्रोल सुपर्व लॉन्च किया है।
1.79 लीटर क्षमता वाली इस कार की कीमत 18.4 लाख रुपये है। कीमत के लिहाज यह होंडा एकॉर्ड को टक्कर देती है, जिसकी बिक्री भारतीय बाजार में सबसे ज्यादा होती है। सुपर्व की माइलेज जहां 9-10 किमी प्रति लीटर है, वहीं होंडा एकॉर्ड एक लीटर में 7-8 किमी ही चल पाती है। स्कोडा को उम्मीद है कि इस साल वह 1,000 सुपर्व मॉडल की बिक्री कर लेगी।
पिछले साल स्कोडा ने 520 कारों की बिक्री की थी। जानकारों का कहना है कि स्कोडा सुपर्व होंडा एकॉर्ड की बाजार हिस्सेदारी को तोड़ेगी। यही नहीं, स्कोडा अगले एक-दो माह में सुपर्व का डीजल वर्जन भी पेश करने की तैयारी कर रही है। लेकिन होंडा और टोयोटा की ओर से इसके मुकाबले में कोई मॉडल लॉन्च नहीं किया जा रहा है।
स्कोडा ऑटो इंडिया के सेल्स और मार्केटिंग बोर्ड के सदस्य थॉमस कुएल ने बताया कि कंपनी शुरू में पेट्रोल वर्जन पेश कर इस सेगमेंट में कब्जा जमाने की तैयारी की है। उसके बाद डीजल वर्जन पेश किया जाएगा।
फॉक्सवैगन की पसात भी इस दौड़ में शामिल है और लक्जरी कार बााजर पर कब्जा जमाने की तैयारी कर रही है। उसने भी इसका नया वर्जन पेया किया है, लेकिन कीमतों (25 लाख रुपये) में कोई बदलाव नहीं किया है। यह कार प्रिति लीटर 11-12 किमी चलती है। जापान की कोई भी पेट्रोल वर्जन की कार इतना माइलेज नहीं देती है।
कंपनी ने कार की बिक्री बढ़ाने के लिए डीलरों की संख्या में भी बढ़ोतरी की है। कंपनी ने बताया कि इस पर 110 फीसदी आयात शुल्क लगता है, इसलिए यह थोड़ा महंगा पड़ता है, लेकिन इसकी रिसेल वैल्यू अन्य प्रतिद्वंद्वी कारों से कहीं ज्यादा है।
कोरिया की हुंडई ने जनवरी में सोनाटा ट्रांसफॉम लॉन्च कर इस सेगमेंट में एक और प्रतिद्वंद्वी खड़ा कर दिया। कीमत के और लुक के लिहाज से भी यह कार बेहतर दिखती है। 2.3 लीटर इंजन क्षमता वाली इस कार की कीमत 17 लाख रुपये रखी गई है।
हुंडई मोटर इंडिया के अध्यक्ष अशोक झा ने बताया कि कंपनी को उम्मीद है कि इस साल वह करीब 2,000 कारों की बिक्री करेगी। होंडा सिएल कार इंडिया लि. के उपाध्यक्ष (मार्केटिंग) जनेश्वर सेन का कहना है कि कंपनी की बिक्री में गिरावट भले ही आई हो, लेकिन हमारे ब्रांड का कोई मुकाबला नहीं है।
