Business Standard Manthan 2025: सर्वाधिक आबादी वाला और सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था भी है। विश्व बैंक के अनुमान के अनुसार भारत अगले दो वर्षों तक दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। वृद्धि को गति देने के लिए पूरी दुनिया की नजर भारत पर है मगर इसे चीन से निपटने के साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की नीतियों के मद्देनजर अवसरों और चुनौतियों को भी ध्यान में रखना होगा।
सरकार, नीति-निर्माता, अर्थव्यवस्था और भारतीय उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियां बिज़नेस स्टैंडर्ड के सालाना सम्मेलन ‘बिजनेस स्टैंडर्ड मंथन’ के दूसरे संस्करण में इन सभी विषयों पर चर्चा करेंगी। यह सम्मेलन 27 फरवरी को नई दिल्ली के ताज पैलेस में शुरू होगा।
बिज़नेस स्टैंडर्ड के प्रकाशन के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले दो दिवसीय प्रतिष्ठित कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 27 फरवरी की सुबह ‘द ग्रेट रीसेट: इंडिया इन अ न्यू वर्ल्ड ऑर्डर’ विषय पर उद्घाटन भाषण देंगी। अपने संबोधन के बाद चर्चा में सीतारमण विश्व में भारत की अद्वितीय स्थिति पर गहनता से चर्चा करेंगी।
सम्मेलन के दूसरे दिन 28 फरवरी को केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ भारत को वैश्विक मूल्य श्रृंखला में एकीकृत करने पर बातचीत होगी। सम्मेलन में केंद्रीय रेल और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव सेमीकंडक्टर चिप से लेकर रेल पटरियों तक भारत की विशाल यात्रा पर चर्चा करेंगे और केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ट्रंप के नेतृत्व में नए अमेरिका को मद्देनजर रखते हुए भारत की जलवायु कार्रवाई की भूमिका के बारे बातचीत करेंगे।
वक्ताओं की लंबी फेहरिस्त में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा तथा नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी भी शामिल हैं जो दुनिया भारत को अब किस प्रकार देखती है तथा भारत विश्व में अपनी स्थिति का लाभ किस तरह उठाए, विषय पर अपने विचार साझा करेंगे।
बैंकिंग, बाजार और निवेश, राज्य वित्त, रक्षा जैसे क्षेत्र से जुड़े उद्योग जगत के प्रमुखों के साथ विभिन्न पहलुओं पर बातचीत होगी। जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि, नौकरियों का भविष्य और लक्जरी क्षेत्र के साथ ही वैश्विक भारतीय ब्रांड बनाने पर निजी क्षेत्र की भागीदारी पर चर्चा होगी।
बिज़नेस स्टैंडर्ड मंथन 2024 में देश-विदेश के विचारकों को प्रमुख आर्थिक, व्यावसायिक और रणनीतिक नीति विकल्पों के साथ-साथ भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने आने वाली चुनौतियों पर विचार-विमर्श के लिए एक नया मंच प्रदान करने के मकसद से शुरू किया गया था। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गज एक साथ जुटेंगे और अपने दूसरे वर्ष में यह सम्मेलन उन जीवंत चर्चा को आगे ले जाएगा।