Delhi Assembly Election 2025: कभी दिल्ली की राजनीति में दबदबा रखने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) अब राष्ट्रीय राजधानी में अपना किला गंवाने के लगभग कगार पर है। यह स्थिति तब आई है जब AAP ने 2015 और 2020 में प्रचंड बहुमत से दिल्ली विधानसभा चुनाव जीता था।
इस चुनावी नतीजों में सबसे बड़ा झटका AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को लगा है, जो नई दिल्ली विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार प्रवेश साहिब सिंह वर्मा से चुनाव हार गए हैं। केजरीवाल को हराने वाले वर्मा को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदारों में से एक माना जा रहा है। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी संदीप दीक्षित तीसरे स्थान पर हैं और उन्हें 5 हजार से भी कम वोट मिले हैं।
BJP की जीत पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रवेश वर्मा ने कहा, “सबसे अच्छी बात यह है कि अब सरकार प्रधानमंत्री मोदी के साथ मिलकर काम कर सकेगी। इससे पीएम मोदी का विजन दिल्ली में लागू होगा। मैं इस जीत का श्रेय उन्हें देता हूं। मैं दिल्ली की जनता का आभार व्यक्त करता हूं। यह जीत सभी दिल्लीवासियों की है, यह जीत पीएम मोदी की है।”
इतिहास बताता है कि नई दिल्ली विधानसभा सीट से जीतने वाला उम्मीदवार अक्सर मुख्यमंत्री बनता है, चाहे वह कांग्रेस की शीला दीक्षित हों या AAP के अरविंद केजरीवाल। हालांकि, दिन की शुरुआत में ही BJP की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने स्पष्ट कर दिया था कि अगर पार्टी चुनाव जीतती है, तो मुख्यमंत्री पद के लिए अंतिम फैसला हाईकमान करेगा।
प्रवेश वर्मा का ताल्लुक दिल्ली के एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से है। वह पूर्व BJP नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं। उनके चाचा आजाद सिंह भी उत्तर दिल्ली नगर निगम के महापौर रह चुके हैं और 2013 के विधानसभा चुनाव में BJP के टिकट पर मुंडका सीट से चुनाव लड़े थे।
प्रवेश वर्मा का जन्म 1977 में हुआ था। उन्होंने दिल्ली पब्लिक स्कूल, आरके पुरम से स्कूली शिक्षा प्राप्त की और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज से बैचलर ऑफ आर्ट्स की डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने फॉर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से MBA किया। उनका राजनीतिक सफर 2013 में शुरू हुआ, जब उन्होंने महरौली विधानसभा सीट से चुनाव जीता। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखा और 2014 में पश्चिमी दिल्ली से लोकसभा सांसद बने। 2019 में उन्होंने 5,78,000 वोटों के बड़े अंतर से फिर से जीत दर्ज की। सांसद के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, प्रवेश वर्मा सांसदों के वेतन और भत्तों पर बनी संयुक्त समिति के सदस्य रहे हैं और शहरी विकास पर बनी स्थायी समिति में भी काम कर चुके हैं।
2025 के दिल्ली चुनाव से पहले, प्रवेश वर्मा ने “केजरीवाल हटाओ, देश बचाओ” नामक अभियान शुरू किया। उन्होंने AAP सरकार पर वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया और दिल्ली प्रशासन पर प्रदूषण, महिलाओं की सुरक्षा और नागरिक सुविधाओं की अनदेखी करने की बात कही। उन्होंने विशेष रूप से यमुना नदी की सफाई को लेकर सरकार की असफलता को निशाना बनाया, जो आज भी दिल्ली के लिए एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या बनी हुई है।