भारत के अगले उपराष्ट्रपति का चुनाव 9 सितंबर को होगा और परिणाम भी उसी दिन घोषित कर दिए जाएंगे। भारतीय निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त होगी। कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्षी गठबंधन भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार से मुकाबला करने के लिए एक संयुक्त उम्मीदवार उतारने पर विचार कर रहा है। इस चुनाव से निर्वाचित उपराष्ट्रपति पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। यह जगदीप धनखड़ के कार्यकाल का शेष भाग नहीं होगा। धनखड़ का कार्यकाल अगस्त 2027 में समाप्त होने वाला था, लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए 21 जुलाई को पद से इस्तीफा दे दिया।
धनखड़ संघ परिवार के बाहर से आए थे। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस से की थी और फिर जनता दल में चले गए। उसके बाद भाजपा के साथ लंबे समय तक बने रहे और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी बनाए गए। पिछले कुछ महीनों से सरकार के साथ उनके संबंध तनावपूर्ण थे। सूत्रों ने कहा कि भाजपा इस बार पार्टी की विचारधारा से गहरे जुड़े उम्मीदवार को मैदान में उतारने पर मंथन करेगी।
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उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में लोक सभा (543) और राज्य सभा (245) के सदस्य शामिल होते हैं। इनमें इसके मनोनीत सदस्य भी शामिल होते हैं। वर्तमान में राज्य सभा में पांच और लोक सभा में एक पद रिक्त है, जिससे दोनों सदनों की प्रभावी शक्ति क्रमशः 240 और 542 है। इस प्रकार निर्वाचक मंडल में 782 सदस्य हैं। निचले सदन में रिक्ति पश्चिम बंगाल के बसीरहाट की है, जबकि उच्च सदन जम्मू-कश्मीर से चार और पंजाब से एक सदस्य का पद खाली है।
लोक सभा में राजग के 293 और राज्य सभा में 129 सदस्य हैं। यह गठबंधन यह भी मान रहा है कि सभी मनोनीत सदस्य उसी के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करेंगे। सत्तारूढ़ गठबंधन को 422 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है, जो निर्वाचक मंडल में बहुमत हासिल करने के लिए पर्याप्त है।