दिल्ली में मेयर और डिप्टी मेयर, दोनों पदों के चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) को बिना किसी टक्कर के जीत मिली है। भाजपा की मेयर पद की उम्मीदवार शिखा राय की तरफ से नामांकन वापस लेने के बाद शैली ओबेरॉय दोबारा दिल्ली की मेयर बन गईं। वहीं, भाजपा की डिप्टी मेयर उम्मीदवार सोनी पांडे ने भी मतदान शुरू होने से कुछ ही देर पहले अपना नामांकन वापस ले लिया और AAP के कैंडिडेट आले मोहम्मद इकबाल डिप्टी मेयर के पद के लिए निर्विरोध चुनाव जीत गए।
नामांकन वापस लेने की क्या थी वजह?
इस बार आप और भाजपा के बीच में कड़ी टक्कर होने वाली थी, लेकिन मतदान शुरू होने से पहले ही शिखा राय ने अपना नामांकन वापस ले लिया। उन्होंने अपना नामांकन वापस लेने की वजह बताते हुए सदन को बताया कि उन्होंने स्थायी समिति का चुनाव नहीं होने के कारण यह कदम उठाया।
जीतने के बाद क्या रहा AAP नेताओं का रिएक्शन
शैली ओबेरॉय और इकबाल के निर्विरोध जीतने के बाद, आप नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दोनों लोगों को ट्ववीट कर बधाई दी और और कहा कि दिल्ली के लोगों को आप से बहुत उम्मीद है। इसे पूरा करने के लिए दोनों को मिलकर कड़ी मेहनत करनी होगी।
निर्विरोध मेयर बनीं शैली ओबेरॉय ने भी दिल्ली की जनता को विश्वास जताने के लिए धन्यवाद दिया और लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने का वादा किया। मुख्यमंत्री केजरीवाल को जवाब देते हुए डिप्टी मेयर चुने गए आले मोहम्मद इकबाल ने भी रिट्वीट किया और कहा कि MCD को देश का नंबर 1 नगर निगम बनाएंगे।
पहली बार 34 वोटों का था अंतर
इसके पहले 22 फरवरी को दिल्ली मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव हुआ था, जिसमें शैली ओबेरॉय को 34 वोटों से जीत मिली थी। ओबेरॉय ने 22 फरवरी के चुनाव में भाजपा की शिखा गुप्ता हो हराया था। हालांकि 22 फरवरी को होने वाला चुनाव भी मेयर पद के चुनाव की चौथी कोशिश थी। उससे पहले भी 3 बार चुनाव कराने की कोशिश की जा चुकी थी, लेकिन आपसी विवादों के चलते तीनों बार चुनाव नहीं हो पाया था। मेयर चुनाव में कुल 266 वोट पड़े थे जिसमें से 150 वोट शैली ओबेरॉय के पाले में गए थे। वहीं, शिखा गुप्ता को 116 वोट मिले थे।
कितने दिनों के लिए शैली रहेंगी मेयर
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मेयर पद का कार्यकाल 5 साल का होता है। लेकिन यह 5 साल, एक-एक साल के पांच कार्यकाल होते हैं। यानी हर एक साल अलग-अलग वर्ग के लोगों को मेयर बनने का चांस दिया जाता है, जिसमें से पहला साल महिलाओं के लिए, दूसरा साल अनारक्षित श्रेणी के लिए, तीसरा वर्ष आरक्षित श्रेणी के लिए और बाकी के दोनों साल अनारक्षित श्रेणी के लिए होते हैं। दिल्ली को हर वित्त वर्ष की समाप्ति के बाद एक नया मेयर मिलता है। यानी अभी एक साल तक शैली ओबेरॉय दिल्ली की मेयर रहेंगी।