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प्रॉपर्टी से होने वाली कमाई पर भी आप बचा सकते हैं टैक्स, जानिए कैसे

अगर आप टोटल लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स बचाना चाहते हैं तो कैपिटल गेन की पूरी राशि नए मकान की खरीद या निर्माण में लगानी होगी।

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अजीत कुमार   
Last Updated- July 23, 2023 | 11:28 AM IST

रेजिडेंशियल हाउस प्रॉपर्टी (जमीन /मकान/ फ्लैट) को बेचने पर जो प्रॉफिट/कैपिटल गेन होता है उस पर शार्ट-टर्म या लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स का प्रावधान है। शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG) टैक्सपेयर की कुल आय में जोड़ दिया जाता है और टैक्सपेयर को उसके टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होता है। जबकि लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) पर 20 फीसदी (सेस और सरचार्ज छोड़कर) टैक्स चुकाना होता है। लेकिन क्या आपको पता है कि रेजिडेंशियल हाउस प्रॉपर्टी  की बिक्री से होने वाले लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स (LTCG) से छूट पाने के भी कुछ प्रावधान किए गए हैं। आज बात करते हैं इन्हीं प्रावधानों की :

कब और कितना लगता है एलटीसीजी टैक्स

यदि रेजिडेंशियल हाउस प्रॉपर्टी खरीदने के बाद 24 महीने यानी दो वर्ष से पहले बेच देते हैं तो बेचने के बाद जो कैपिटल गेन होता है उस पर शार्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स (STCG) लगता है। लेकिन अगर 24 महीने के बाद बेचते हैं तो लाभ यानी लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन पर इंडेक्सेशन (indexation) के फायदे के साथ 20.8 फीसदी (4 फीसदी सेस मिलाकर) लॉन्ग -टर्म कैपिटल गेन टैक्स चुकाना होता है। इंडेक्सेशन के तहत महंगाई/कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स (Cost Inflation Index) के हिसाब से परचेज प्राइस (cost of acquisition) को बढ़ा दिया जाता है, जिससे कैपिटल गेन कम हो जाता है और टैक्स में बचत होती है।

सेक्शन 54 के तहत कैसे पाएं छूट

आयकर अधिनियम 1961, की धारा (सेक्शन) 54 के तहत अगर आप आवासीय मकान या जमीन की बिक्री पर होने वाले लॉन्ग -टर्म कैपिटल गेन पर एलटीसीजी टैक्स से बचना चाहते हैं तो आपको यह दिखाना होगा कि आपने कैपिटल गेन को किसी एक आवासीय हाउस प्रॉपर्टी की खरीद या निर्माण में निवेश किया है। लेकिन ये इन्वेस्टमेंट आपको मकान या जमीन की बिक्री से एक वर्ष पहले या बिक्री के दो वर्ष बाद तक नई प्रॉपर्टी खरीदने में या बिक्री के तीन वर्ष बाद तक नई प्रॉपर्टी के निर्माण में करनी होगी।

अगर आप एक से ज्यादा नई हाउस प्रॉपर्टी की खरीद या निर्माण  में निवेश करेंगे तो भी आपको एक सिर्फ एक नई प्रॉपर्टी की खरीद या निर्माण  में निवेश पर इस सेक्शन का फायदा मिलेगा।

1 अप्रैल 2020 से लागू नए प्रावधानों के मुताबिक आप दो नई रेजिडेंशियल हाउस प्रॉपर्टी की खरीद या निर्माण में निवेश कर एलटीसीजी पर टैक्स से बच सकते हैं बशर्ते पुरानी रेजिडेंशियल हाउस प्रॉपर्टी की बिक्री से होने वाला कैपिटल गेन दो करोड़ रुपये से ज्यादा न हो। लेकिन यह लाभ सिर्फ एक ही बार लिया जा सकता है।

अधिकतम कितने एलटीसीजी पर बचा सकते हैं टैक्स

अगर आप टोटल लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स बचाना चाहते हैं तो कैपिटल गेन की पूरी राशि नए मकान की खरीद या निर्माण में लगानी होगी। अगर आप टोटल कैपिटल गेन से कम लगाएंगे तो आपको उतने अमाउंट पर ही एलटीसीजी टैक्स में छूट मिलेगी, जितना आपने नई प्रॉपर्टी की खरीद या निर्माण में लगाया है।

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बजट 2023-24 में सेक्शन 54 में एक और प्रावधान किया गया। 1 अप्रैल 2023 से लागू इस नए प्रावधान के मुताबिक अगर नई प्रॉपर्टी की खरीद कीमत 10 करोड़ रुपये से ज्यादा है तो 10 करोड़ रुपये से ऊपर की राशि पर आप सेक्शन 54 का फायदा नहीं ले सकते हैं।

कैपिटल गेन अकाउंट स्कीम (CGAS)

यदि आप वित्तीय वर्ष के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने के डेडलाइन तक किसी आवासीय प्रॉपर्टी की बिक्री से हुए टोटल लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन को नई प्रॉपर्टी में निवेश करने में असमर्थ हैं तो आप उस कैपिटल गेन अमाउंट को कैपिटल गेन अकाउंट स्कीम (CGAS) में जमा कर दें। अन्यथा आपको उस अमाउंट पर एलटीसीजी टैक्स चुकाना होगा। बजट 2023 के प्रावधानों के मुताबिक कैपिटल गेन अकाउंट स्कीम में भी आप अधिकतम 10 करोड़ तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन जमा कर सकते हैं।

अगर नई प्रॉपर्टी 3 वर्ष के अंदर बेचते हैं …

अगर आप एलटीसीजी टैक्स में छूट का फायदा लेने के बाद नई प्रॉपर्टी को 3 वर्ष के अंदर बेच देते हैं तो आपको जो एलटीसीजी में छूट मिली है वह रिवर्स हो जाएगी। मतलब पुरानी प्रॉपर्टी की बिक्री से हुए जितने लांग टर्म कैपिटल गेन की राशि पर आपने टैक्स बचाया है वह नई प्रॉपर्टी के कॉस्ट ऑफ एक्विजिशन से घटा दी जाएगी।

सेक्शन 54EC के तहत कैसे पाएं छूट

अगर आप प्रॉपर्टी की बिक्री से होने वाली इनकम को किसी दूसरी प्रॉपर्टी की खरीद या निर्माण में नहीं इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो आप इसे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI), रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन (REC), पावर फाइनैंस कॉरपोरेशन (PFC) व भारतीय रेल वित्त निगम (IRFC) द्वारा जारी किए जाने वाले चुनिंदा बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं। सेक्शन 54EC के तहत आवासीय और गैर आवासीय दोनों तरह की प्रॉपर्टी पर होने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन को इस तरह के चुनिंदा बॉन्ड में निवेश करने की सुविधा है। लेकिन प्रॉपर्टी बेचने के 6 महीने के अंदर आपको इस तरह के बॉन्ड में निवेश करना होगा। साथ ही अधिकतम 50 लाख रुपये तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन को ही इस तरह के बॉन्ड में इन्वेस्ट किया जा सकता है। ऐसे बॉन्ड के लिए लॉक-इन पीरियड 5 वर्ष है। बॉन्ड पर जो ब्याज मिलता है वह टैक्सेबल होता है यानी आपकी आय में जुड़ जाता है और आपको आपके टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होता है।

First Published : July 6, 2023 | 1:09 PM IST