facebookmetapixel
₹12 तक डिविडेंड पाने का आज आखिरी मौका! कल ये 6 कंपनियां करेंगे एक्स डेट पर ट्रेडलाल किले के पास विस्फोट की जांच अब NIA करेगी, पुलवामा से जुड़े मॉड्यूल पर सतर्कताअचल संपत्ति बेचना ‘सेवा’ नहीं, यह सर्विस टैक्स के दायरे से बाहर: सुप्रीम कोर्ट तेजी का मौका! एनालिस्ट ने बताए 3 स्टॉक्स जो पहुंच सकते हैं ₹2,980 तकग्रीन हाइड्रोजन लक्ष्य में बदलाव, 2030 तक 30 लाख टन उत्पादन का नया टारगेटStock Market Today: गिफ्ट निफ्टी से पॉजिटिव संकेत, एशिआई बाजारों में तेजी; आज चढ़ेगा या गिरेगा बाजार ?क्विक कॉमर्स में मुनाफे की नई दौड़ शुरू! मोतीलाल ओसवाल ने Swiggy और Eternal पर जारी किए नए टारगेट्सIRDAI की नजर स्वास्थ्य बीमा के दावों पर, निपटान राशि में अंतर पर चिंताPNB, केनरा और इंडियन बैंक भी करेंगे बॉन्ड मार्केट में प्रवेश, धन जुटाने की तैयारीजीएसटी सुधार से FY26 में भारत की GDP ग्रोथ 7.4% तक पहुंचेगी: NIPFP

बिजली परियोजना से जुम्मागाड़ में खुशियों की लहर

Last Updated- December 07, 2022 | 12:42 AM IST

कुछ दिन पहले जब गढ़वाल हिमालय की भौचक्का कर देने वाली ऊंचाई पर बिजली उत्पादन शुरू करने के लिए पहले चरण के तहत 1.2 मेगावाट वाली जुम्मागाड़ बिजली परियोजना को बैठाया गया तो पूरी घटना खबरों की सुर्खियों से कोसों दूर रही।


भले ही इस परियोजना को लेकर खबरिया चैनलों और अखबारों में ज्यादा तवज्जो नहीं मिली हो लेकिन सुदूर बंपा, जुम्मा, सलधर और तिब्बत बार्डर से सटे चमोली जिले के गांवों में इस परियोजना को लेकर जबर्दस्त खुशी की लहर है। ऐसा पहला मौका है जब इस क्षेत्र के गांवों में बिजली आपूर्ति की जा रही है और इसके लिए नि:संदेह जुम्मागाड़ परियोजना को धन्यवाद दिया जाना चाहिए।

इस परियोजना के कार्यान्वयन के बाद उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) की उपलब्धि में एक और ‘चांद’ लग गया है। यहां के पहाड़ी इलाकों में अतिरिक्त बिजली आपूर्ति के लिए यूजेवीएनएल पुरजोर कोशिश कर रहा है। उल्लेखनीय है कि यूजेवीएनएल ने हाल ही में मनेरी भाली पनबिजली परियोजना को शुरू किया था जिससे 304 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है और यह पहली परियोजना थी जो राज्य-संचालिक कंपनी द्वारा कार्यांवित की गई थी।

यूजेवीएनएल के महाप्रबंधक एस के रसतोगी ने बताया, ‘हमें यह घोषणा करते हुए बेहद खुशी हो रही है कि हमारी जुम्मागाड़ परियोजना से बिजली उत्पान का काम शुरू हो चुका है।’ जिस क्षेत्र में इस परियोजना को शुरू किया गया है, वहां कि भौगोलिक स्थिति काफी मुश्किल भरा है। यह क्षेत्र आमतौर पर बर्फ से ढका रहता है। लेकिन इसके बावजूद यूजेवीएनएल ने परियोजना को सफलतापूर्वक विद्युत ग्रिड के साथ जोड़ दिया है।

इस क्षेत्र में कोई सड़क नहीं होने के बावजूद इंजीनियरों और मजदूरों ने मीलों पैदल चल कर प्रोजेक्ट साइट (6200 मीटर) पर अपनी फतह हासिल की। कार्य का निरीक्षण कर रहे कार्यकारी इंजीनियर संजय पटेल ने बताया, ‘जब हम लोग निर्माण कार्य में जुटे थे, उस वक्त प्रोजेक्ट साइट पर पहुंच के लिए पांच से छह मील पैदल चलना पड़ता था।’

उल्लेखनीय है कि करीब 6.12 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना का निर्माण कार्य 1991 में शुरू किया गया था। लेकिन इस परियोजना के लिए निर्माण कार्य शुरू होते ही मुश्किलें पैदा होनी शुरू हो गई थीं। साल 1999 में चमोली में आए भूकंप से बिजली परियोजना को काफी क्षति पहुंची थी। इसके अलावा साल 2002 में भी प्लांट साइट में मुश्किलों का दौर आया था।

First Published - May 20, 2008 | 9:26 PM IST

संबंधित पोस्ट