उत्तराखंड के मुख्यमंत्री जहां एक ओर बड़ी संख्या में विधायकों और पार्टी नेताओं को ‘लाल बत्ती’ मुहैया कराने का मन बना रहे हैं वहीं राज्य वित्त मंत्रालय ने राज्य में फालतू खर्चों पर कटौती और लगाम कसने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया है।
राज्य सरकार को भेजे गए प्रस्ताव में वित्त मंत्रालय ने सभी विभागों से अनुरोध किया है कि चूंकि नए छठे वेतन आयोग और साथ ही आर्थिक मंदी की वजह से राजस्व पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है इसलिए वे अपने खर्चों में कटौती कमी करें।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने पहले ही एक उप-समिति का गठन कर दिया है। इस समिति का अध्यक्ष स्वास्थ्य मंत्री रमेश पोखरियाल निशांक को बनाया गया है। निशांक से कहा गया है कि वे भारी वित्तीय बोझ पर काबू पाने के लिए नए उपाय सुझाएं।
अधिकारियों ने यह भी बताया कि सरकार को रिपोर्ट सौंपने से पहले समिति इस प्रस्ताव का गहन अध्ययन करेगी। बढ़ते असंतुष्ट गतिविधियों के परिणामस्वरूप खंडूड़ी पार्टी नेताओं और विधायकों को शांत करने के लिए मंत्रिस्तरीय पदों का वितरण कर रहे हैं जिसकी वजह से यह आशंका जताई जा रही है कि पहले से ही राजस्व पर पड़ रही बोझ और भी बढ़ जाएगी।
इस साल की शुरुआत में ही खंडूड़ी ने करीब 45 ऐसे ही पदों का वितरण कर चुके हैं। मालूम हो कि पिछली कांग्रेस सरकार भी इसी तरह के मुद्दों को लेकर विवादों में घिरी थी। एक अनुमान के मुताबिक इस नेताओं को सेलरी और अन्य लाभों पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहा है।