facebookmetapixel
Bihar Election Results: क्या NDA 2010 की ऐतिहासिक जीत को भी पीछे छोड़ने जा रही है?Bihar Election 2025: नतीजों पर सियासत गरमाई, जदयू ने कहा ‘नीतीश का करिश्मा’, विपक्ष बोला ‘निराशाजनक’19 साल की सत्ता का राज! हर चुनाव में क्या नई चाल चलते थे नीतीश कुमार?12 महीने में पैसा डबल! Q2 रिजल्ट के बाद कंज्यूमर स्टॉक पर ब्रोकरेज लट्टू, Q2 में 190% बढ़ा मुनाफाMaithili Thakur: बिहार को मिलने वाली है सबसे कम उम्र की विधायक! देखिए पहले किसने बनाया था ये रिकॉर्डमोतीलाल ओसवाल ने इस डिफेंस शेयर पर लगाया बड़ा दांव, 32% रिटर्न का अनुमानMRF Q2FY26 results: मुनाफा 12% तक बढ़ा, ₹3 के अंतरिम डिविडेंड का किया ऐलानथोक से खुदरा तक तेजी से गिरी महंगाई दर – आखिर क्या हुआ अक्टूबर में?आंध्र प्रदेश में 10 साल में ₹1 लाख करोड़ का निवेश करेगा अदाणी ग्रुप: करण अदाणीCapillary Technologies IPO: सॉफ्टवेयर कंपनी का आईपीओ खुला, अप्लाई करना ठीक रहेगा या करें अवॉइड ?

यूपी का फ्लॉप शो अब होगा हिट

Last Updated- December 08, 2022 | 3:43 AM IST

भारतीय कार्पोरेट जगत के सहयोग से उत्तर प्रदेश की ढांचागत परियोजनाओं में तेजी लाने की कवायद एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है।


राज्य सरकार 21 नवंबर को लखनऊ में निवेशक बैठक का आयोजन कर रही है। इससे पहले मायावती सरकार ने 14 जुलाई को नई दिल्ली में ऐसी ही एक बैठक करने की योजना बनाई थी। बैठक में कई बड़े औद्योगिक घरानों, निवेशकों और बैंकर्स के आने का दावा किया गया था। लेकिन अंतिम समय में बैठक को रद्द कर दिया गया।

इस बार की बैठक में प्रतिष्ठित सलाहकारों के प्रतिनिधियों के अलावा शीर्ष औद्योगिक कंपनियां शामिल होंगी। राज्य सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा, चीनी, बिजली और परिवहन जैसे क्षेत्रों सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) को बढ़ावा देने पर खासतौर से जोर दे रही है।

इस विचार को अमली जामा पहनाने के लिए निवेशक बैठक की योजना बनाई गई है। एक सरकारी सूत्र ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि ‘इस बारे में उद्योगों और ब्लू चिप कार्पोरेट घरानों को आमंत्रण भेज दिया गया है।’ राज्य सरकार इस दौरान उत्तर प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने और निवेशकों के हित में महौल तैयार करने के लिए उद्योगों से सुझाव हासिल करेगी।

 इस बार निवेशक बैठक का आयोजन लखनऊ प्रबंधन संघ (एलएमए) सम्मेलन 2008 के मौके पर किया गया है। सम्मेलन का विषय ‘विश्वस्तरीय बुनियादी सुविधा का निर्माण- नीतिगत अनिवार्यताएं’ है। एलएमए के अध्यक्ष जयंत कृष्ण ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव अतुल कुमार गुप्ता सम्मेलन के अध्यक्ष हैं जबकि प्रधान सचिव (तकनीकी शिक्षा) आलोक रंजन को राज्य सरकार द्वारा आयोजन का मुख्य अधिकारी नियुक्त किया गया है।

उन्होंने कहा कि बैठक में केंद्र और राज्य सरकार के प्रतिष्ठित वक्ता, उद्योगपति और शीर्ष नौकरशाह शामिल होंगे। इस दौरान ढांचागत नीतियों, चुनौतियों और संभावित समाधानों पर चर्चा की जाएगी।’

इस समय राज्य की प्रमुख पीपीपी परियोजनाओं में ग्रेटर नोएडा-बलिया गंगा एक्सप्रेस हाईवे परियोजना, इलाहाबाद में दो बिजली परियोजनाएं, तकनीकी शिक्षा में पीपीपी और पर्यटन विभाग के होटल परिसंपत्तियों का निजीकरण प्रमुख है।

इससे पहले नई दिल्ली बैठक के रद्द होने के बार राज्य के बिजनेस और निवेश माहौल और सुधारों को आगे बढ़ाने को लेकर राज्य सरकार की राजनीतिक इच्छा शक्ति पर सवालिया निशान लग गया था।

First Published - November 17, 2008 | 10:24 PM IST

संबंधित पोस्ट