उत्तराखंड के नैनीताल, मसूरी और जिम कार्बेट नेशनल पार्क पूरे देश में पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन अब प्रदेश सरकार ने राज्य के कम प्रसिद्ध पर्यटन केन्द्रों को भी बढ़ावा देने का निर्णय लिया है।
राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य के साथ उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) निजी टूर आपरेटरों के जरिए पर्यटकों को राज्य के मशहूर और कम प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में घुमाने के लिए 6 टूरों का आयोजन करेगा।
राज्य के पर्यटन सचिव राकेश शर्मा ने कहा कि यूटीडीबी द्वारा आयोजित होने वाले ये टूर गढ़वाल और कुमाऊं के कुछ क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किये जायेंगे। इस टूर में पूरे देश से लगभग 50 टूर आपरेटर हिस्सा लेंगे और पर्यटकों को 18 से 22 अप्रैल के बीच चार दिन की सैर कराएंगे।
यूटीडीबी ने इस योजना को सफल बनाने के लिए गढ़वाल विकास निगम और कुमाऊं विकास निगम के साथ मिलकर टूर आपरेटरों और पर्यटकों के लिए खाने-पीने और रहने की सुविधाओं की व्यवस्था की है। इस तरह के टूर में राज्य में वर्ष 2009 में आयोजित होने वाले शीतकालीन खेलों (सैफ), राज्य की विशिष्ट संस्कृति,धरोहर और जल्द ही विदेशी पर्यटकों के लिए खोली गई नीती घाटी को केन्द्रित किया जाएगा।
शर्मा ने कहा कि ‘उत्तराखंड पर्यटकों के बीच में केवल तीर्थस्थान, ट्रैकिंग और राफ्टिंग के लिए ही प्रसिद्ध नहीं है बल्कि यहां वर्ष के बारह मास पर्यटक इसकी विशिष्ट स्थिति और खूबसूरती देखने के लिए आते है। हमारा लक्ष्य भी उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देना है और हम ऐसा कर रहें है।’
इन टूरों के समाप्त होने के बाद सरकार को उम्मीद है कि टूर आपरेटर्स न केवल और पर्यटकों को राज्य में लाने में सफल होंगे वरन् उनसे ऐसे फीडबैक भी प्राप्त किये जा सकेंगे जिनके तहत राज्य की पर्यटन नीति को और सशक्त बनाया जा सकेगा। राज्य का पर्यटन विभाग अब प्रसिद्ध टिहरी बांध के जलाशय को पर्यटकों के लिए झील के तौर पर खोलने की योजना बना रहा है। इसके अलावा इस झील में पानी की खेलों को शुरू करने की योजना भी है।
राज्य के पर्यटन विभाग ने इसी तरह की योजना पौड़ी जिले के खिरसू, टिहरी के कोरियाला, उत्तरकाशी के शंकरी, देहरादून के लाखमंडल और पिथौरागढ़ के पातालभुवनेश्वर के लिए बनाई है। पर्यटन विभाग द्वारा उठाए गए इन कदमों से राज्य के होटल मालिकों के बीच जोश भर गया है। उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष एस पी कोचर ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि राज्य सरकार को कम प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को जरुर बढ़ावा देना चाहिए।