मोटरिंग, वाहन के कल-पुर्जे निर्माण, बिजली, रियल एस्टेट, एसएमई आदि क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए उत्तराखंड ने अलग अलग स्टॉल लगाए हैं।
उत्तराखंड पैवेलियन के निदेशक के. सी. चमोली ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘उत्तराखंड व्यापार और वाणिज्य को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयत्नरत है। बड़े और छोटे हर प्रकार के उद्योगों के विकास के लिए उत्तराखंड में तमाम संभावनाएं मौजूद हैं।’
कुमाऊं गढ़वाल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने भी स्टॉल लगाए हैं। केजीसीसीआई के एचआर कॉर्डिनेटर अमित शुक्ला ने बताया, ‘यह संस्था उत्तराखंड में उद्योग और वाणिज्य को प्रोत्साहित करने के लिए स्व-सहायता समूह को बढ़ावा देती है और उद्यमी कौशल बढ़ाने में मदद करती है।’
चमोली ने कहा, ‘उत्तराखंड में उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को आसान बनाया गया है। 2010 तक भूमि अधिग्रहण करने पर ज्यादा परेशानी नहीं आएगी, क्योंकि इस अवधि तक केंद्र के द्वारा पैकेजों का भी प्रावधान किया गया है।’
उत्तराखंड के स्टॉलों में खादी से बने सामानों की काफी खोज हो रही है। खादी के स्टॉलों पर खादी के जैकेट 500 रुपये में, लेडीज पर्स 350 रुपये में मिल रहा है। उत्तराखंड खादी बोर्ड की कर्मचारी अवंतिका ने कहा, ‘हमलोग ऊनी सामान की प्रदर्शनी लगाए हुए हैं।
ये ऊनी कपड़े ट्वीड मैरिनो और ट्वीड ऑस्ट्रेलियन क्रास जैसे कीमती ऊनों से बनाए गए हैं।’ कोशिश इंडिया के स्टॉल के मालिक राज कौशिक ने कहा, ‘ हमारे रामबांस से बनने वाली टोपियां, पर्स और खिलौने काफी लोकप्रिय हैं और सिर्फ उत्तराखंड में ही मिलता है।’ इस बार दर्शकों की तादाद में काफी कमी आई है।
चमोली ने बताया, ‘मंदी का असर बिक्री पर साफ दिख रहा है। वैसे भी शुरूआती दिनों में लोग ज्यादा खरीदारी नहीं कर रहे हैं।