मध्य प्रदेश में करीब 50 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गए छह फूड पार्कों की आज कोई सुध लेने वाला नहीं है।
ये फूड पार्क राज्य के मलानपुर (ग्वालियर के निकट), पिपरिया एवं बबाई (होशंगाबाद जिला), निमरानी (मंदसौर जिला), जग्गाखेड़ी (खरगांव जिला) और मनेरी (मण्डला जिले) में बनाए गए थे। इन पार्कों के विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा हर जतन कोशिश की गई।
प्रत्येक फूड पार्क में आवश्यक बुनियादी सुविधाओं, माल गोदाम, शीतलीकरण संयंत्र, अनुसंधान एवं विकास सुविधाओं सहित विशेष प्रयोजन माध्यम संस्था के जरिए आम सुविधाएं मुहैया कराई गई लेकिन सरकार की सारी पेशकश विफल साबित हुईं। वास्तविकता यह है कि मनेरी को छोड़ सभी फूड पार्कों में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के बाद भी सभी फूड पार्कों की स्थिति बेहद दयनीय बनी हुई हैं।
राज्य के नव निर्मित खाद्य और बागवानी विभाग के तहत नए फूड पार्कों (यदि हो तो) को बनाने की योजना है लेकिन मौजूदा फूड पार्क पहले की तरह राज्य औद्योगिक विकास निगम (एसआईडीसी) के अधीन ही रहेंगे। एमपीएसआईडीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘फूड पार्कों की मार्केटिंग के लिए नए तरीके से प्रयास करने की आवश्यकता है।’ सूत्रों ने बताया, ‘एसआईडीसी की शाखा द्वारा अभिरुचि पत्र जारी की गई थी लेकिन बाद में जब उन्होंने पार्कों में बुनियादी सुविधाओं की मांग की तो उन्हें इंतजार करने को कहा गया। एक लंबे समय के इंतजार के बाद उनके पत्रों को खारिज कर दिया गया। लेकिन अब यह मामला विचाराधीन है।’