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उप्र में बदलेगी मझोले उद्यमों की तकदीर

Last Updated- December 07, 2022 | 9:41 AM IST

उत्तर प्रदेश में आने वाले दिनों में लघु एवं मझोले उद्यमों (एसएमई)की तकदीर संवरने वाली है। राज्य में योग गुरुज ऐंड स्प्रिचुअल हीलर्स की अगुवाई में कई कंपनियों और संगठनों ने इस क्षेत्र में दस्तक दी है जिससे कार्बनिक खेती और कार्बनिक उत्पादों की बिक्री को प्रोत्साहन मिलने की संभावना है।

इस क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों में से एक आराध्य देव ऑर्गेनिक फूड्स प्राइवेट लिमिटेड है जिसका जयपुर और हरियाणा में आधार मजबूत है और अब यह उत्तर प्रदेश पर संभावनाएं तलाश रही है।

जैविक खेती और जैविक उत्पादों की बिक्री को प्रोत्साहन दिए जाने की उत्तर प्रदेश सरकार की हालिया घोषणा से इस क्षेत्र में एसएमई का उत्साह बढ़ा है। पिछले वर्ष तक गरीबी और सूखे के कारण सुर्खियों में रहे बुंदेलखंड क्षेत्र में आध्यात्मिक जगत केंद्र के प्रमुख स्वामी हरेन्द्र योगी इस क्षेत्र में बड़ी संभावनाएं तलाश रहे हैं।

हरेन्द्र योगी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा, ‘बुंदेलखंड में किसान, खासकर छोटे किसान, मुश्किल से ही केमिकल उर्वरकों का इस्तेमाल करते हैं।’

योगी ने बताया कि हमीरपुर में बेतवा और बांदा दोनों तरफ की भूमि बेहद उपजाऊ है और इसे किसी केमिकल की मदद की जरूरत नहीं है। वे इलाके के किसानों को जैविक खेती प्रणाली को अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।

हरेन्द्र योगी ने आराध्य देव ऑर्गेनिक फूड्स का उदाहरण देते हुए कहा कि इस कंपनी ने 20 करोड़ रुपये के निवेश से शुरुआत की थी और इस वर्ष का उत्पादन आंकड़ा 200 करोड़ रुपये के स्तर को छू लेगा। वे स्वयं इस कंपनी से जुड़े हुए हैं।

इस कंपनी का नियंत्रण किसान नौकरशाह मोहन सिंह अहलूवालिया के हाथ में है। योगी ने कहा कि ऑर्गेनिक फूड की मांग विदेशों में भी काफी अधिक है और रोजाना बड़ी तादाद में ऑर्डर मिल रहे हैं।
इसी तरह झांसी में कामधेनु सेवा परिवार नामक एसएमई इस क्षेत्र में सराहनीय भूमिका निभा रहा है। कामधेनु किसानों को शिक्षा, जैविक उत्पादों की खरीददारी और इसकी बिक्री में समर्थन मुहैया कराता है।

उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण भी यह कह चुके हैं कि यदि किसान जैविक खेती की ओर अग्रसर होते हैं तो सरकार उन्हें वित्तीय सहायता मुहैया कराएगी।

उन्होंने कहा है कि इस क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों और स्वयंसेवी संगठनों को कोष मुहैया करने के लिए एक योजना पहले ही अस्तित्व में आ चुकी है और अब सरकार ने इस क्षेत्र के लिए और अधिक धन राशि मुहैया कराने का फैसला किया है।

First Published - July 6, 2008 | 10:58 PM IST

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