facebookmetapixel
Q2 Results: Tata Motors, LG, Voltas से लेकर Elkem Labs तक; Q2 में किसका क्या रहा हाल?पानी की भारी खपत वाले डाटा सेंटर तटीय पारिस्थितिकी तंत्र पर डाल सकते हैं दबावबैंकों के लिए नई चुनौती: म्युचुअल फंड्स और डिजिटल पेमेंट्स से घटती जमा, कासा पर बढ़ता दबावEditorial: निर्यातकों को राहत, निर्यात संवर्धन मिशन से मिलेगा सहारासरकार ने 14 वस्तुओं पर गुणवत्ता नियंत्रण आदेश वापस लिए, उद्योग को मिलेगा सस्ता कच्चा माल!DHL भारत में करेगी 1 अरब यूरो का निवेश, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग में होगा बड़ा विस्तारमोंडलीज इंडिया ने उतारा लोटस बिस्कॉफ, 10 रुपये में प्रीमियम कुकी अब भारत मेंसुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश: राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों के 1 किलोमीटर के दायरे में खनन पर रोकदिल्ली और बेंगलूरु के बाद अब मुंबई में ड्रोन से होगी पैकेज डिलिवरी, स्काई एयर ने किया बड़ा करारदम घोंटती हवा में सांस लेती दिल्ली, प्रदूषण के आंकड़े WHO सीमा से 30 गुना ज्यादा; लोगों ने उठाए सवाल

सिंगुर की जमीन वापस करने में टाटा को लगेगा एक साल

Last Updated- December 08, 2022 | 3:04 AM IST

पश्चिम बंगाल में टाटा समूह द्वारा सिंगुर की जमीन का हस्तांतरण एक साल के पहले होने की संभावना नहीं है।


राज्य के वाणिज्य एवं उद्योग सचिव सब्यसाची सेन ने बताया कि सिंगुर की जमीन पर करीब दो सालों तक काम किया जाना है इसलिए जमीन को पूरी तरह हस्तांतरित करने में कम से कम एक साल का वक्त लग जाएगा।

इसी बीच चीन के  एफएडब्ल्यू समूह निगम को सिंगुर की जमीन दिखाई गई है। एफएडब्ल्यू समूह बंगाल के स्थानीय साझेदारों के साथ निवेश करने के लिए रुचि दिखाई है। सेन ने बताया कि राज्य सरकार ने एफएडब्ल्यू प्रस्ताव का विशिष्ट विवरण की मांग की है।

एफएडब्ल्यू ने सिंगूर के अलावा खड़गपुर और हल्दिया में भी संभावित स्थानों को देखा है। यह माना जा रहा है कि एफएडब्ल्यू को करीब 400-500 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। सेन ने बताया कि अगर एफएडब्ल्यू को सिंगूर की जमीन पसंद आ जाती है तो उन्हें वह जमीन एक साल से पहले नहीं सौंपा जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि एफएडब्ल्यू समूह चीन की पांच बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों में से एक है। यह कंपनी सैलून और लक्जरी कारों के लिए मिनी एमपीवी का निर्माण करती है। सिंगुर  में नैनो के लिए करीब 997 एकड़ जमीन उपलब्ध थी। इसमें जिसमें 290 एकड़ जमीन वेंडर पार्क के लिए थी।

बाद में जमीन विवादित हो गई। तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि जब तक नाखुश किसानों को उनकी जमीनें नहीं दी जाती हैं तब तक किसी भी कंपनी को जमीन आवंटित नहीं की जाएगी।

First Published - November 13, 2008 | 9:24 PM IST

संबंधित पोस्ट