पश्चिम बंगाल में टाटा समूह द्वारा सिंगुर की जमीन का हस्तांतरण एक साल के पहले होने की संभावना नहीं है।
राज्य के वाणिज्य एवं उद्योग सचिव सब्यसाची सेन ने बताया कि सिंगुर की जमीन पर करीब दो सालों तक काम किया जाना है इसलिए जमीन को पूरी तरह हस्तांतरित करने में कम से कम एक साल का वक्त लग जाएगा।
इसी बीच चीन के एफएडब्ल्यू समूह निगम को सिंगुर की जमीन दिखाई गई है। एफएडब्ल्यू समूह बंगाल के स्थानीय साझेदारों के साथ निवेश करने के लिए रुचि दिखाई है। सेन ने बताया कि राज्य सरकार ने एफएडब्ल्यू प्रस्ताव का विशिष्ट विवरण की मांग की है।
एफएडब्ल्यू ने सिंगूर के अलावा खड़गपुर और हल्दिया में भी संभावित स्थानों को देखा है। यह माना जा रहा है कि एफएडब्ल्यू को करीब 400-500 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। सेन ने बताया कि अगर एफएडब्ल्यू को सिंगूर की जमीन पसंद आ जाती है तो उन्हें वह जमीन एक साल से पहले नहीं सौंपा जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि एफएडब्ल्यू समूह चीन की पांच बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों में से एक है। यह कंपनी सैलून और लक्जरी कारों के लिए मिनी एमपीवी का निर्माण करती है। सिंगुर में नैनो के लिए करीब 997 एकड़ जमीन उपलब्ध थी। इसमें जिसमें 290 एकड़ जमीन वेंडर पार्क के लिए थी।
बाद में जमीन विवादित हो गई। तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि जब तक नाखुश किसानों को उनकी जमीनें नहीं दी जाती हैं तब तक किसी भी कंपनी को जमीन आवंटित नहीं की जाएगी।