सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले की वजह से दिल्ली और हरियाणा के बीच बदरपुर बॉर्डर पर छह लेन के अंतरराज्यीय राजमार्ग के निर्माण में देरी होने की आशंका है।
लगभग 4.4 किलोमीटर लंबे इस एलीवेटेड राजमार्ग के लिए अधिग्रहीत की गई जमीन की पड़ताल के आदेश न्यायालय ने केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति को दे दिए हैं।तकरीबन 340 करोड़ रुपये की लागत वाली यह राजमार्ग परियोजना दिल्ली में बदरपुर बॉर्डर से शुरू होगी और फरीदाबाद में सेक्टर 27 तक निर्माण किया जाएगा।
इसे 2919 के राष्ट्रमंडल खेलों से पहले पूरा किया जाना है। उम्मीद है कि इस राजमार्ग के बनने के बाद बदरपुर बॉर्डर और फरीदाबाद के बीच भीड़भाड़ भरे स्थानों मसलन एनटीपीसी, महरौली, जैतपुर, सराय बाईपास और सेक्टर 35 पर यातायात सुगम हो जाएगा।
न्यायालय ने इस मसले पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई), दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), खेल मंत्रालय और दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) को भी कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। डीएमआरसी ने बदरपुर बॉर्डर और पुराने फरीदाबाद के बीच रेलमार्ग का खाका तैयार किया था।
न्यायालय ने यह आदेश सर्वोच्च न्यायालय में ही अधिवक्ता विजय पंजवानी की याचिका पर दिया। पंजवानी ने याचिका दिल्ली के ही एक अधिवक्ता की ओर से दाखिल की थी, जिसमें कहा गया था कि प्रस्तावित परियोजना से राजीव गांधी खेल परिसर, डिस्ट्रिक्ट पार्क, डीडीए हरित भूमि और सामुदायिक केंद्र को जबरदस्त नुकसान पहुंचेगा।
ये सभी दिल्ली मास्टर प्लान 2021 में शामिल हैं।दिल्ली मास्टर प्लान 2021 के मुताबिक मनोरंजन पार्कों और क्षेत्रीय पार्कों तथा हरित क्षेत्रों में मेट्रो स्टेशनों का निर्माण करने पर मनाही है।
याचिका में न्यायालय से आग्रह किया गया था कि केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति को यह पड़ताल करने के निर्देश दिए जाएं के परियोजना के लिए अधिग्रहीत जमीन वन भूमि है या सामान्य भूमि।
परियोजना पहले से ही तीन साल पिछड़ चुकी है क्योंकि दिल्ली सरकार, डीडीए और दिल्ली शहरी कला आयोग से मंजूरी मिलने में उसे समय लग गया था।
दूसरी ओर एनएचएआई के अधिकारी परियोजना में देर की बात से इनकार कर रहे हैं और उनका मानना है कि समय से राजमार्ग पूरा हो जाएगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘हमें उम्मीद है कि इस परियोजना की वित्तीय औपचारिकताएं नवंबर 2008 तक पूरी हो जाएंगी और उसके बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। राष्ट्रमंडल खेलों से पहले परियोजना पूरी होने का हमें पूरा यकीन है।’