आर्थिक मंदी के कारण एसएमआईएफएस कै पिटल द्वारा प्रवर्तित कंपनी बंगाल एयरोट्रोप्लिस (बीएपीएल)ने अंडाल परियोजना पर फिर से विचार करने का फैसला किया है।
कंपनी यह परियोजना कोलकाता से लगभग 200 किलोमीटर दूर अंडाल में शुरू करने वाली थी। इस परियोजना के तहत कंपनी निजी हवाई अड्डे का निर्माण करने वाली थी।
बीएपीएल ने परियोजना शुरू करने से पहले कराए गए अध्ययन के आधार पर सालाना लगभग 5 लाख यात्रियों की आवाजाही को ध्यान में रखकर निर्माण योजना बनाई थी। लेकिन मंदी के कारण घट रहे विमानन कारोबार को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने अब इस आंकड़े को घटाकर 3.5 लाख कर दिया है।
इस परियोजना से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘हमारे अध्ययन में लगभग सालाना 5 लाख यात्रियों की आवाजाही का अनुमान था। लेकिन मंदी के कारण यह घटकर 4 लाख हो गया। हमने 3.5 लाख यात्रियों का आंकड़ा रखा है, इसीलिए हम अभी भी अपने अनुमान के पास ही हैं।’
इसके साथ ही अब कंपनी ने इस परियोजना को 2 चरणों में पूरा करने के बजाय 3 चरणों में पूरा करने की योजना बनाई है। सूत्रों ने बताया, ‘शुरुआती योजना में इस परियोजना के लिए आंतरिक संसाधनों के जरिए ज्यादा रकम जुटाई जानी थी।
लेकिन अब कंपनी ने पहले चरण के दौरान आंतरिक संसाधनों के जरिए कम रकम जुटाने का फैसला किया है।’ उम्मीद थी कि परियोजना के दौरान शेयरों के जरिए जुटाई जाने वाली पूंजी भी फिर से निर्धारित की जाएगी।
परियोजना के पहले चरण में लगभग 230 करोड़ रुपये की लागत आएगी। लगभग 6 साल में बनने वाली इस एयरोट्रोप्लिस परियोजना पर लगभग 10,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस के तहत हवाई अड्डे, व्यावसायिक, औद्योगिक और आवासीय परिसर भी बनाए जाएंगे। इसके अलावा बुनियादी सुविधाएं भी विकसित की जाएगी।
कंपनी शुरू होने के लगभग 18 महीनों में ही निर्माण कार्य पूरा कर लेगी। लेकिन कंपनी को पहले तकरीबन 750 एकड़ भूमि का अधिग्रहण करना पड़ेगा। दिलचस्प बात यह है कि इस परियोजना के लिए चुनी गई जमीन पर द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बनाया गया एक हवाई अड्डा मौजूद है।
इसका नियंत्रण अब सुरक्षा मंत्रालय के हाथों में है। सुरक्षा मंत्रालय के नियंत्रण वाले इन हवाई अड्डों पर किसी भी तरह का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा सकता है।
अगर मंत्रालय इस मामले में बीएपीएल से गारंटी मांगता है तो कंपनी के लिए ऐसा करना जरूरी होगा। कंपनी ने कहा कि हवाई अड्डे और उससे जुड़ी सड़कों का निर्माण कार्य शुरू करने से पहले उसे भूमि का अधिग्रहण करना होगा।
कंपनी को इस साल अक्टूबर तक भूमि अधिग्रहण होने की उम्मीद है। परियोजना शुरू होने के बाद इसमें हिस्सेदारी लेने वाली सिंगापुर की कंपनी चांगी एयरपोट्र्स इंटरनैशनल ने फिलहाल कंपनी के तकनीकी सलाहकार की भूमिका निभाएगी और परिचालन शुरू होने के बाद इसका प्रबंधन भी करेगी।
बीएपीएल ने सिंगापुर की चांगी एयरपोट्र्स इंटरनैशनल के साथ तकनीकी सेवाएं मुहैया कराने के लिए करार किया है। लेकिन माना जा रहा है कि चांगी इस नए हवाई अड्डे में हिस्सेदारी करने पर फिर से विचार कर सकती है। भारतीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 11 दिसंबर 2008 को ही इस परियोजना को मंजूरी दे दी थी।
