सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी एचपीसीएल और मित्तल एनर्जी लिमिटेड के संयुक्त उद्यम गुरु गोविंद सिंह रिफाइनरी परियोजना (जीजीएसआरपी) की स्थापना से भटिंडा की सूरत तेजी से बदल रही है।
कुछ समय पहले तक कपास की पैदावार के लिए जाना जाने वाला पंजाब का यह शहर अब तेजी से औद्योगिक और कारोबारी केंद्र के रूप में उभर रहा है। जीजीएसआरपी का काम काफी तेजी से जारी है और पंजाब सरकार के आधिकारियों के मुताबिक परियोजना दिसंबर 2010 तक तैयार हो जाएगी।
इस परियोजना की कुल लागत 18,900 करोड़ रुपये है, जिसमें एल एन मित्तल और एचपीसीएल दोनों की 49 प्रतिशत इक्विटी भागीदारी है। इस रिफाइनरी के तैयार होने के बाद क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों में इजाफा होने की उम्मीद है।
भटिंडा रिफाइनरी 2,000 एकड़ क्षेत्र में फैली होगी और रिफाइनरी से मुंद्रा बंदरगाह तक पाइपलाइन बिछाई जाएगी। इस मेगा रिफाइनरी की क्षमता 90 लाख टन प्रति वर्ष होगी और रिफाइनरी का अपना 152 मेगावाट क्षमता का एक बिजली संयंत्र भी होगा।
रिफाइनरी के चालू होने के पहले ही शहर में रियल एस्टेट की कीमतों काफी तेजी से चढ़ी हैं। इसे इस तथ्य से भी समझा जा सकता है कि भटिंडा डेवलपमेंट प्राधिकरण (बीडीए) ने हाल में 4.5 एकड़ वाणिज्यिक जमीन की नीलामी की है।
इस जमीन को दिल्ली स्थित बेस्ट सिटी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने 184 करोड़ रुपये में खरीदा। इस सौदे के आधार पर जमीन की कीमत 84,400 प्रति वर्ग गज बैठती है। इस जमीन पर मल्टीप्लेक्स और शॉपिंग मॉल बनाया जाएगा।
शहर के बुनियादी ढांचे में भी काफी तेजी से सुधार देखने को मिला है और शहर में पहले ही चार मल्टीप्लेक्स और एक मॉल को मंजूरी दी जा चुकी है। इसके अलावा दिल्ली स्थित ओमेक्स और कई स्थानीय बिल्डरों ने टाउनशिप की योजना भी बनाई है।
रिफाइनरी की स्थापना होने के बाद इस इलाके में प्लास्टिक और केमिकल उद्योग के विकास की काफी संभावनाएं हैं। इससे पहले मार्च में एचएमईएल की एमडी और सीईओ प्रभा दास ने राज्य के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को आश्वासन दिया था कि रिफाइनरी जनवरी 2011 से पहले तैयार हो जाएगी।
प्रबंधन ने स्थानीय युवकों में कौशल विकास के लिए एक औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र खोलने का फैसला किया है। इन युवाओं को रिफाइनरी में नौकरी दी जाएगी।