किसानों को अंतरराष्ट्रीय मानदंड के बाजार की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बिहार राज्य कृषि विपणन परिषद भंग हो जाने के बाद सरकार टर्मिनल बाजार की स्थापना में लग गई है। इसमें निजी निवेशकों को तरजीह दी जाएगी।
इसके तहत निवेशकों को जमीन मिलेगी। कृषि विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि पटना में मॉडर्न टर्मिनल बाजार की स्थापना की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके अलावा मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, भागलपुर और गया में भी इस तरह के बाजार टर्मिनल खोलने की योजना है। अनुमान है कि प्रत्येक बाजार टर्मिनल की स्थापना में 100 करोड रुपये का खर्च आ सकता है।
टर्मिनल बाजार की स्थापना के साथ इससे जुड़ी कई अन्य चीजों पर भी सरकार काम करेगी । इन बाजारों को मुख्य और पक्की सड़कों से जोडा जाएगा। बिजली की समुचित आपूर्ति के लिए बाजार में जेनरेटर लगाए जाएंगे।
बाजार में बड़ी संख्या में कोल्ड स्टोरेज, इलेक्ट्रॉनिक ग्रेडिंग, इलेक्ट्रिक बोली, फल पकाने के लिए कक्ष, कलर विजन सिस्टम, गुणवत्तापूर्ण प्लेटफॉर्म, स्पॉट कमोडिटी ट्रेडिंग, उत्पाद के परीक्षण और प्रमाणन के लिए प्रयोगशाला, बैंकिंग सुविधा, सूचना कियोस्क और कृषि उत्पादों की एक स्थान पर उपलब्धता, एग्रीक्लिनिक और खेती से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों से किसानों को अवगत कराने की सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी।
टर्मिनल बाजारों की स्थापना में सरकार की अधिकतम हिस्सेदारी 49 प्रतिशत होगी। योजना के तहत ग्रामीण हाट खोले जाने पर भी विचार चल रहा है। अभी राज्य में 1500 पंजीकृत हाट हैं। गांव के हाटों का विकास करना जरूरी है, क्योंकि यहां से फल और सब्जियों की बिक्री अधिक मात्रा में होती है। हर हाट के विकास और निर्माण पर 35 लाख रूपये खर्च आने का अनुमान है।
हाटों को पंचायतों को लीज पर दिया जाएगा। हाटों में मार्केट शेड, भण्डारण सुविधा, छाायुक्त नीलामी स्थान, सुखाने का खुला स्थान और पीने के पानी की सुविधा रहेगी। कृषि उत्पादन के विपणन के साथ-साथ इसके प्रसंस्करण की भी सुविधा प्रदान की जाएगी।