हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने वित्त वर्ष 2008-09 के बजट में लोकलुभावन घोषणाओं को तरजीह दी है।
लोकसभा चुनाव की आहट के बीच पेश किए गए इस बजट में कोई भी नया कर नहीं लगाया गया है और राज्य में 18,000 शिक्षिकों की भर्ती करने की प्रस्ताव किया गया है।
राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशन पाने वालों को पांच प्रतिशत अंतरिम राहत देने की घोषणा भी की गई है। इससे सरकार के खजाने पर 300 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। राज्य में सरकारी कर्मचारियों की संख्या काफी है और इस कदम को उन्हें लुभाने की कोशिश माना जा रहा है।
राज्य सरकार के राजस्व घाटे में बढ़ोतरी को चिंताजनक माना जा रहा है। बजट के मुताबिक राज्य में खर्च होने वाले 100 रुपये में से केवल 75 रुपये ही आंतरिक संसाधनों के जरिए जुटाए जाएंगे जबकि शेष के लिए उधारी पर निर्भर रहना पडेग़ा।
मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने अपने बजट भाषण में कहा कि राज्य सरकार पर कर्ज के बढ़ते बोझ पर चिंता भी जताई। बजट अनुमानों के मुताबिक अगले वित्त वर्ष के दौरान कुल राजस्व प्राप्ति 9,398 करोड़ रुपये होगी।