मध्य प्रदेश में रिलायंस एडीएजी समूह के चार प्रस्तावों और जेपी समूह के दो प्रस्तावों को विभिन्न छूट और राहत के लिए राज्य सरकार की मंजूरी का इंतजार है।
इन परियोजनाओं के जरिए कुल 20,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाना है। राज्य की दो प्रमुख एजेंसियों परियोजना क्रियान्वयन और मंजूरी बोर्ड और निवेश पर गठित उच्च स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति ने विभिन्न निवेश प्रस्तावों, छूट और राहत को मंजूरी दी है।
औद्योगिक प्रोत्साहन नीति 2004 और 100 करोड़ रुपसे से अधिक की मेगा परियोजनाओं की कार्य योजना के तहत ये मंजूरियां दी गई हैं। सरकारी सूत्रों ने बताया है कि ‘आचार संहिता के कारण परियोजना क्रियान्वयन और मंजूरी बोर्ड और उच्च स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति की सितंबर के बाद से कोई बैठक नहीं हुई है।
रिलायंस ने अपनी चार सीमेंट परियोजनाओं के लिए मूल्य वर्धित कर में छूट और निवेश प्रोत्साहन की मांग की है। प्रत्येक सीमेंट संयंत्र की क्षमता 50 लाख टन है और इसके लिए कुल 10,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।’
उन्होंने बताया कि ‘इसी तरह जेपी समूह ने भी दो ताप बिजली संयंत्रों के लिए वैट में छूट और अन्य राहत की मांग की है।’ प्रत्येक बिजली संयंत्र की उत्पादन क्षमता 1250 मेगावाट है। ये संयंत्र सीधी और बीना (सागर) में स्थापित किए जाएंगे।
जेपी ने ग्रासिम इंडस्ट्रीज से बिजली संयंत्र का अधिग्रहण किया है। वह परियोजना को फिर से शुरू कर रही है। ग्रासिम ने पहले बीना में 500 मेगावाट क्षमता वाले संयंत्र की योजना बनाई थी। बीना पावर कंपनी में एवी बिड़ला समूह और पावरजेन (यूके) की क्रमश: 51 प्रतिशत और 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
हाल में जेपी समूह की कंपनी जयप्रकाश पावल लिमिटेड ने आदित्य बिड़ला समूह से बीना पावर सप्लाई का अधिग्रहण किया था। रिलायंस एडीएजी ने एक निवेश सम्मेलन के दौरान मध्य प्रदेश में सीमेंट संयंत्र की स्थापना करने की घोषणा की थी।