चुनावी क्लास में लालू का एटमी करार का पाठ

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 12:07 AM IST

लालू प्रसाद इन दिनों बिहार के गांव गांव घूमकर ग्रामीण मतदाताओं को परमाणु ऊर्जा समझौते का महत्त्व समझाने में जुटे हैं।
लालू प्रसाद का मानना है कि वोट पाने के लिए विकास से ज्यादा जरूरी राजनीतिक समीकरणों का बनना है। इन दिनों चुनाव प्रचार में जुटे लालू ग्रामीणों को कुछ इस तरह का पाठ पढ़ा रहे हैं, ‘हमने परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यूरेनियम से बिजली तैयार की जाएगी। आपको पता है कि इसका क्या महत्त्व है? इसका मतलब है आपके बच्चों के लिए बिजली।’
लालू प्रसाद चुनाव प्रचार में उद्योग और मंदी का जिक्र करने से भी नहीं चूक रहे हैं। अपने तेज तर्रार अंदाज में लालू प्रसाद कहते हैं, ‘आप देखिए कि बिहार में मैंने रेलवे का कितना विकास किया है। और रेल के बिना उद्योग का विकास नहीं हो सकता ‘ अपने इस चुटकीले अंदाज में लालू प्रसाद दूसरी पार्टियों को ललकारते हुए कहते हैं, ‘कोई माई का लाल मुझे रोक न सका।’
लालू प्रसाद अपनी खूबियां गिनाते वक्त ‘हार्वर्ड’ और ‘एमआईटी’ का जिक्र करना भी नहीं भूलते हैं। गांव वालों को अपनी उपलब्धियां गिनवाते हुए लालू प्रसाद कहते हैं, ‘मैं हार्वर्ड गया था। पढ़ लिखे बच्चों को पता है कि हार्वर्ड क्या है। मैं एमआईटी, सिंगापुर कॉलेज भी गया था। मैंने दुनियाभर में शिक्षकों को पढ़ाया है।’
यही लालू प्रसाद जब पत्रकारों को संबोधित करते हैं तो वह अलग ही व्यक्ति नजर आते हैं। वह कहते हैं, ‘कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीतेगी। यहां तक कि साधु यादव भी हारेंगे और मैं उन्हें अपनी पार्टी में वापस नहीं लेने वाला हूं। मुझे नहीं लगता कि नीतीश को भी कोई खास कामयाबी मिलने वाली है। कांग्रेस उम्मीदवारों का वोट हम काटेंगे।’
लालू प्रसाद के चुनाव प्रचार में खास बात यह है कि वह दूसरी राजनीतिक पार्टियों पर प्रहार करने के बजाय अपनी उपलब्धियां गिनाने में ही जुटे हैं या फिर जातीय समीकरणों का हवाला दे रहे हैं। इन दिनों चुनाव प्रचार में लालू प्रसाद अपने नए सहयोगियों समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव और लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया रामविलास पासवान की प्रशंसा करते नहीं थक रहे हैं।
यही वजह है कि राजद के सभी पोस्टरों में यह तिकड़ी नजर आ रही है। जातीय समीकरणों के बल पर वोट पाने की उनकी मंशा इतनी अधिक है किसी भी चुनाव प्रचार बैनर में उनके नाम में ‘यादव’ लिखना नहीं छूटा है। लालू एक दिन में 10 चुनावी रैलियों को संबोधित कर रहे हैं।
चुनावी विश्लेषकों का कहना है कि राजद के सबसे बड़े वोट बैंक रहे यादव और मुस्लिम, अब उनसे दूरी बनाने लगे हैं। सारण सीट से उन्हें बहुजन समाज पार्टी के सलीम परवेज कड़ी टक्कर दे रहे हैं।
लालू की पाठशाला
चुनावी अभियान में जारी है लालू का चिरपरिचित अंदाज
जातीय समीकरण के आधार पर है जीत का भरोसा
दे रहे हैं हार्वर्ड, एमआईटी में ली गई क्लास का हवाला
बिहार में रेलवे की कायापलट के लिए खुद की पीठ थपथपाई

First Published : April 13, 2009 | 1:29 PM IST