उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक निजी भागीदारी को बढ़ावा देने और राज्य को निवेश के लिए सर्वाधिक पसंदीदा गंतव्य बनाने के इरादे से मायावती सरकार 14 जुलाई को नई दिल्ली में निवेशकों की बैठक आयोजित कर रही है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस पूरी कवायद का मकसद निवेश के गंतव्य के तौर पर उत्तर प्रदेश की क्षमता और उसके आकर्षण को प्रदर्शित करना है। इस हाई-प्रोफाइल बैठक के दौरान कंपनियों के प्रमुख, उद्योगपति, निवेशक, बैंकर्स, उद्योग समूह और राज्य में निवेश के इच्छुक देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि निवेश बैठक के दौरान राज्य की मुख्यमंत्री मायावती अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मौजूद रहेंगी या नहीं लेकिन यह तो तय है कि राज्य की नौकरशाही के बड़े अधिकारी बैठक के दौरान प्रतिनिधियों की अगवानी करते नजर आएंगे। ढांचागत विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन ऐसे क्षेत्र हैं, जहां निवेश और साझेदारी कायम करने के प्रस्तावों का राज्य सरकार तहेदिल से स्वागत करेगी।
राज्य सरकार ढांचागत विकास पर सबसे अधिक जोर दे रही है और निजी क्षेत्र की साझेदारी के साथ कई एक्सप्रेसवे परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस बीच राज्य सरकार का पूरा अमला इस कोशिश में लगा हुआ है कि कैसे बैठक के दौरान कैसे अधिक से अधिक संख्या में निवेशकों को जुटाया जा सके और अधिकतम फायदा लिया जा सके।
सरकार का मकसद इस बैठक के जरिए निवेश जुटाने के साथ ही यह निवेशकों और उद्योगजगत की इस धारणा को बदलना है कि उत्तर प्रदेश में औद्योगीकरण और आर्थिक विकास की संभावनाओं का अभाव है। सूत्रों ने बताया कि देश के लगभग सभी शीर्ष उद्योगपतियों और कारोबारी घरानों को बैठक में शामिल होने के लिए न्योता भेजा जा चुका है। इसके अलावा भारत में निवेश करने वाले प्रमुख देशों को भी उत्तर प्रदेश में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया गया है।
राज्य में बलिया ग्रेटर नोएडा गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना जेपी समूह को दी गई है जबकि इलाहाबाद के करीब प्रस्तावित दो थर्मल पॉवर प्लांट अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस पॉवर को दिए जाने का अनुमान है।
दिल्ली में निवेश बैठक
उत्तर प्रदेश सरकार 14 जुलाई को नई दिल्ली में निवेश बैठक कर रही है।
बैठक में सभी औद्योगिक घरानों और बड़ी कंपनियों को न्योता भेजा गया है।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री मायावती के मौजूद रहने की उम्मीद।
शीर्ष नौकरशाही करेगी अगवानी