ऐसा माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में महंगाई एक बड़ा मुद्दा हो सकती है।
लेकिन आश्चर्य है कि जिस महंगाई के मुद्दे को लेकर राजनेता चुनावी मैदान में उतरे हैं, वह थमने का नाम नहीं ले रही है। राज्य भर में सब्जियों और फलों की कीमतें आसमान छू रही हैं।
छत्तीसगढ़ में चुनाव डयूटी के लिए बड़ी संख्या में ट्रकों का अधिग्रहण किया गया है जिसकी वजह से राज्य के भीतरी क्षेत्रों में सब्जियों और फलों का यातायात गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है।
इसके परिणामस्वरूप बाजार में माल की कमी हो गई है और साथ ही कीमतों में भी काफी वृध्दि हो गई है। राज्य में चुनाव को दो चरणों में पूरा किया जाना है। एक ओर जहां 39 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 14 नवंबर को पहले चरण का मतदान हो चुका है वहीं बाकी 51 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान अभी किया जाना है।
चुनाव के दूसरे चरण के लिए चुनावी अभियान आज शाम समाप्त हो जाएगा। आठ जिलों में फैले 51 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए करीब 687 उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपना भाग्य आजमाएंगे।
चुनाव के दूसरे चरण में 88,19,264 मतदाता 12073 मतदाता स्टेशनों पर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। प्रदेश की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने अपने विपक्षी पार्टी कांग्रेस और सुंयक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार पर निशाना साधते हुए महंगाई और लोगों की रोजमर्रा की चीजों की आसमान छूती कीमतों को अपना चुनावी एजेंडा बनाया है।
किस्मत से, बाजार में सब्जियों और फलों की सप्लाई में आई कमी, लोगों पर महंगाई की पड़ती जबरदस्त मार और चुनावी घमासान के बीच भाजपा को काफी मदद मिल रही है।
प्रशासन ने राज्य भर में चुनाव कार्यों के लिए 1082 ट्रकों और 652 मिनी ट्रकों का अधिग्रहण कर लिया है।
इसकी वजह से राज्य के भीतरी क्षेत्रों के मुख्य बाजारो में सब्जियों और फलों की यातायात प्रभावित हुई हैं। राजधानी स्थित शास्त्री बाजार के एक थोक सब्जी व्यापारी ने बताया, ‘पिछले 15 दिनों में सब्जियों की कीमतों में 50 से 70 फीसदी तक की वृध्दि हो चुकी है।’
शास्त्री बाजार राज्य की बड़ी सब्जी मंडियों में से एक है। व्यापारी ने बताया कि अगर सब्जी की सप्लाई में इसी तरह कमी बनी रही तो आने वाले दो-तीन दिनों में स्थिति और भी ज्यादा बद से बदतर हो जाएगी। पिछले 15 दिनों में प्याज की कीमतों में दोगुना वृध्दि हो चुकी है।