भारत का सर्विस सेक्टर अगस्त में मजबूत वृद्धि के साथ 15 साल के हाई पर पहुंच गया। HSBC इंडिया सर्विसेज पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) अगस्त में 62.9 पर पहुंच गया, जो जुलाई में 60.5 था। यह डेटा S&P ग्लोबल ने बुधवार को जारी किया। मांग बढ़ने, काम की दक्षता बढ़ने और नए बिजनेस आने से यह बढ़ोतरी हुई। नए ऑर्डर 49वें महीने लगातार बढ़े और पिछले 15 साल में सबसे तेज बढ़ोतरी देखी गई। सर्विस प्रोवाइडर्स में लगभग 37% ने वृद्धि देखी, जबकि सिर्फ 11% ने कमी महसूस की।
HSBC के चीफ इंडिया इकॉनमिस्ट प्रांजुल भंडारी ने कहा कि विदेशों में बिक्री बढ़ने से कुल मांग बढ़ी। इसके कारण भारतीय सर्विस कंपनियों ने नए कर्मचारियों की भर्ती की। साथ ही, मजदूरी बढ़ने और मजबूत मांग के कारण सामान और सेवाओं की कीमतें भी काफी बढ़ गईं।
कुल बिक्री बढ़ने का मुख्य कारण विदेशों से बढ़ी हुई मांग रही। अगस्त में एक्सपोर्ट ऑर्डर 2014 के बाद से तीसरी सबसे तेज रफ्तार से बढ़े। इसकी सबसे ज्यादा मांग अमेरिका, यूरोप और वेस्ट एशिया से आई।
अगस्त में सर्विस सेक्टर में भर्ती जुलाई से थोड़ी ज्यादा रही, लेकिन कुल मिलाकर ज्यादा तेज नहीं थी। ज्यादातर नई नौकरियां पार्ट-टाइम थीं। इससे कंपनियों को काम संभालने में मदद मिली। अगस्त में खर्च भी बढ़ा, खासकर मजदूरी, ओवरटाइम और ट्रांसपोर्ट पर। कारोबारियों का भरोसा भी 5 महीने के हाई पर पहुंच गया। इसकी वजह विज्ञापन पर ज्यादा खर्च और मजबूत मांग की उम्मीद रही। कुछ कंपनियों को यह भी उम्मीद है कि हाल की भर्ती से उन्हें और काम मिलेगा।
कंपोजिट PMI ऑउटपुट इंडेक्स अगस्त में 63.2 पर पहुंच गया, जो जुलाई में 61.1 था। यह संकेत देता है कि भारत की मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर दोनों में उत्पादन सबसे तेज गति से बढ़ रहा है। अगस्त में भारत की मैन्युफैक्चरिंग तेजी से बढ़ी और PMI 59.3 तक पहुंच गया। जुलाई में यह 59.1 था। मजबूत मांग बनी रही, हालांकि अमेरिकी टैरिफ को लेकर चिंता भी रही।