प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित किए जाने के बाद उत्तराखंड में भागीरथी नदी पर बन रही पनबिजली परियोजनाओं के भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है।
उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारियों ने बताया है, ‘अभी तक हमें इस बारे में किसी तरह की जानकारी नहीं मिली है कि इन परियोजनाओं का क्या होगा।’ अधिकारियों ने कहा कि राज्य सरकार इन परियोजनाओं के बारे में केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगेगी।
प्रधानमंत्री ने मंगलवार को गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित करते हुए गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए एक नदी घाटी प्राधिकरण के गठन का फैसला किया था। उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) के अध्यक्ष योगेन्द्र प्रसाद ने कहा है कि केंद्र सरकार ने इस फैसले से भागीरथी पर कंपनी की बिजली परियोजनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
सूत्रों ने बताया है कि समिति एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी। उल्लेखनीय है कि लोहारी नागपाला में भागीरथी नदी पर एनटीपीसी की 600 मेगावाट की पनबिजली परियोजना का निर्माण कार्य जारी है और एनटीपीसी परियोजना में अभी तक 300 करोड़ रुपये निवेश कर चुकी है।
प्रसाद ने बताया, ‘रुकी हुई परियोजनाओं को शुरू करके कोई जोखिम नहीं लिया जा सकता। हम विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट का इंतजार करेंगे।’