भले ही मशहूर फैशन मैगजीन ‘वोग’ ने हिन्दुस्तान में सिर्फ छह महीने पहले ही कदम रखा हो, लेकिन इसका हमारे मुल्क के साथ नाता दशकों पुराना है। इस ब्रिटिश मैगजीन ने 1934 में अपनी शुरुआत के समय से ही भारत के कई खूबसूरत लोकेशंस पर बेहतरीन फोटोशूट किए हैं। दुनिया के कई जाने माने फोटोग्राफरों को इन तस्वीरों को अपने कैमरे में कैद करने के लिए पूरी सरकारी मशीनरी से दो-दो हाथ करने पड़े थे। इन यादगार तस्वीरों की अब एक प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
इस प्रदर्शनी में 70 तस्वीरें पेश की जाएंगी। इनकी अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इन्हें डेविड बेली, हेनरी क्लार्क, सेसिल बीटॉन, शीला मेट्जनर, आर्थर इल्गॉट और पैट्रिक डीमेशिल्यर जैसे बड़े फोटोग्राफरों ने कैमरे में कैद किया था। इनका इस्तेमाल पत्रिका के ब्रिटिश, फ्रेंच, इतालवी, अमेरिकन, जापानी और भारतीय संस्करणों में किया गया था। यह पहली बार है, जब इन तस्वीरों को एक साथ पेश किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी में सबसे पुरानी तस्वीर 1934 की है, जिसे सेसिल बीटॉन ने खिंचा था। यह तस्वीर है, कपूरथला की राजकुमारी करम की। भारतीय परिधानों और यूरोपीय गहनों में सजी राजकुमारी इस तस्वीर में वाकई काफी खूबसूरत दिख रही हैं। उस दौर में भारतीय रजवाड़ों की जीवनशैली ब्रिटिश जनता के बीच चर्चा का पसंदीदा मुद्दा हुआ करता था। इसलिए इस पत्रिका में इस राजा-रानियों की तस्वीरें भी खूब छपा करती थी। कॉन्सटनटिन जोफे की तस्वीरें भी इस प्रदर्शनी में रखी जाएगी। कॉन्सटनटिन ने 1947-48 में भारत आए थे। तब उन्होंने महात्मा गांधी और कई महाराजों की फोटोग्राफ ली थी। इसके 20 साल के बाद हेनरी क्लार्क ने ‘वोग’ के अमेरिकी संस्करण के वास्ते भारतीय महलों में कई खूबसूरत मॉडलों की तस्वीरें उतारी थी।
ऐसी बात नहीं है कि इस पत्रिका ने केवल राजा-महाराजाओं और राजमहलों की ही तस्वीरों को ही लिया है। ब्रिटेन के ‘वोग’ के लिए डेविड बेली ने कश्मीर घाटी की कई खूबसूरत तस्वीरें उतारीं। 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के ‘भारत उत्सव’ कार्यक्रम के दौरान शीला मेट्जनर भारत आई थीं। तब उन्होंने इस पत्रिका के वास्ते शाही परिधानों के फोटोग्राफ लिए थे। भारतीय जादू का असर वक्त के साथ कम नहीं हुआ है। नामी-गिरामी फैशन फोटोग्राफरों की बढ़ती तादाद इस बात का सबूत है। पैट्रिक डीमर शिलर ने हाल ही में लद्दाख में इस मैगजीन के लिए तस्वीरें उतारी थीं। दूसरी तरफ, रॉबर्ट इर्डमैन ने भी कुछ ही समय पहले उदयपुर के नजारों को अपने कैमरें में कैद किया था। वहीं, टीम वॉकर ने भी कुछ ही दिनों पहले जापानी ‘वॉग’ के लिए उत्तर भारत की तस्वीर उतारी थी।
इस पत्रिका के प्रकाशक कोंडे नैस्ट इंडिया की प्रतिनिधि कहकशां मर्चेन्ट का कहना है कि यह अपने में एक अनूठा और पहला मौका है। इससे यकीकनन भारत की ब्रांड वैल्यू में काफी इजाफा होगा।