सूचना तकनीक और सक्षम सेवाएं (आईटी/आईटीईएस) की 5 साल के लिए नई नीति आने के बाद गुजरात सरकार की नजर राज्य से इस नीति के दौरान आईटी निर्यात में 8 गुना बढ़ोतरी करने पर है।
नई छोटी व मझोली इकाइयों के साथ कुछ बड़ी परियोजनाओं के लक्ष्य के साथ इस नीति के तहत मौजूदा 3,100 करोड़ रुपये के निर्यात को अगले 5 साल में बढ़ाकर 25,000 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य है।
गुजरात सरकार में विज्ञान एवं तकनीक विभाग के सचिव विजय नेहरा के मुताबिक नई नीति पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) और परिचालन व्यय (ओपेक्स) मॉडल पर विकसित की गई है। नेहरा ने कहा, ‘हम कैपेक्स-ओपेक्स मॉडल अपना रहे हैं, जिससे उद्योग के प्रति सरल व लचीली नीति अपनाई जा सके। इससे वे व्यवहार्यता को ध्यान में रखते हुए व्यय व कारोबार की योजना तैयार कर सकेंगे।’
पहले की नीति की तुलना में वित्तीय प्रोत्साहन 1 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 100-200 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो कुछ निश्चित शर्तों के अधीन है। नई नीति अधिसूचना की तिथि से लागू होगी और यह 31 मार्च, 2027 तक चलेगी।
मंगलवार को गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने 2022 से 2027 के लिए इस नीति की शुरुआत करते हुए कहा कि इसका मकसद आईटी व आईटीईएस उद्योग में इस अवधि के दौरान 1,00,000 नौकरियों का सृजन करना है। नई नीति में 25 प्रतिशत तक या अधिकतम 50 करोड़ रुपये पूंजीगत समर्थन का प्रावधान किया गया है, जिनका सकल नियत पूंजी निवेश (जीएफसीआई) 250 करोड़ रुपये तक है और ओपेक्स समर्थन 15 प्रतिशत तक या अधिकतम 20 करोड़ रुपये सालाना 5 साल तक के लिए होगा।
