महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के तीनों घटक दल शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच अनबन की खबरें सामने आती रही है। कांग्रेस कहती है कि उसके बढ़ते प्रभाव से शिवसेना और राकांपा में बेचैनी हैं, इसीलिए सरकार उन पर नजर रखती है, तो राकांपा ने पलटवार कहते हुए कहा कि कांग्रेसी नेताओं के पास जानकारी का आभाव है।
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने दावा किया है कि एमवीए में सहयोगी शिवसेना और राकांपा को लगता है कि उनकी पार्टी के बढ़ते प्रभाव के कारण उनके पैरों तले से जमीन खिसक रही है। पटोले ने कहा कि कांग्रेस महाराष्ट्र में खुद को फिर से मजबूत कर रही है और इससे शिवसेना तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में बेचैनी है। पटोले अपने भाषण में शिवसेना और राकांपा का नाम लिये बिना उनका जिक्र किया। कांग्रेस शिवेसना के नेतृत्व वाले तीन दलों के गठबंधन एमवीए की सरकार का हिस्सा है। उन्होंने यह संकेत देने की भी कोशिश की कि सरकार उनकी गतिविधियों पर नजर रख रही है। उन्होंने कहा कि हर सुबह 9 बजे, राज्य में क्या हो रहा है, इस पर मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को खुफिया रिपोर्ट सौंपी जाती है। कांग्रेस खुद को पुनर्जीवित कर रही है और रिपोर्ट उनके पैरों के नीचे की जमीन खिसका रही है। मैं यहां लोनावला में हूं और यह जानकारी उनके पास जाएगी।
हालांकि पत्रकारों के सवाल पर पटोले अपने बयान से पलटते हुए कहा कि उनकी आवाजाही पर नजर रखने के उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया है। मैंने कोई टिप्पणी नहीं की है कि राज्य सरकार मुझ पर नजर रख रही है। मेरे आरोप केंद्र के खिलाफ थे। मैं मुंबई लौटने पर स्पष्टीकरण दूंगा। मुंबई से करीब 125 किलोमीटर दूर लोनावाला में पटोले कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक लेने गए हैं। महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री और राकांपा नेता नवाब मलिक ने नाना पटोले को जवाब देते हुए कहा कि उन्हें को कुछ भी बोलने से पहले मामले की पूरी जानकारी लेनी चाहिए और उसके बाद कुछ भी बोलना चाहिए। किसी की भी सरकार हो, सुरक्षा की दृष्टि से गृह विभाग, राजनीतिक दौरों की जानकारी रखता है। पटोले को अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण या सुशील कुमार शिंदे से एक बार पूछ लेना चाहिए।