दिल्ली हवाईअड्डे से उड़ान भरने वाले हवाईयात्री इस ठंड के मौसम में सावधान रहें।
यह अनुमान जताया जा रहा है कि इस मौसम में कोहरे की वजह से यात्रियों को भारी मुश्किलात का सामना करना पड़ सकता है। एक अनुमान के मुताबिक पूरे देश के हवाई यातायात काकरीब 35 फीसदी यात्री दिल्ली हवाई अड्डे से यात्रा करते हैं।
हालांकि दिल्ली हवाई अड्डे पर नए रनवे का परिचालन शुरू हो चुका और यहां की विमानन कंपनियों में ज्यादातर पायलटों ने कैट 3 स्तर का प्रशिक्षण हासिल किया है। जाहिर तौर पर इस सर्दी में कोहरे से लड़ने के लिए वे बेहतर तरीके से सुसज्जित हैं।
बहरहाल, आने वाले दिनों में कोहरे से संकट का अंदेशा इसी बात से लगाया जा रहा है कि पिछले कुछ दशकों में नवंबर महीने में पहली बार कल पांच घंटों के लिए कोहरा देखा गया। हालांकि यह आशंका जताई जा रही है कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल कोहरे की वजह से ज्यादा समस्या हो सकती है।
दिल्ली हवाई अड्डे के मौसम विभाग के निदेशक प्रभारी आर के जेनामानी ने बताया, ‘पिछला साल अपेक्षाकृत अच्छा था। दिसंबर और जनवरी महीने में सिर्फ चार दिन ही कोहरा देखने को मिला। कोई भी यह अनुमान नहीं लगा सकता है कि इस साल कोहरा कैसा रहेगा लेकिन पिछले साल के मुकाबले तो इस साल कोहरे की स्थिति बहुत अच्छी नहीं रहने वाली है। पिछले चौबीस साल का विश्लेषण कहता है कि 10 दिसंबर से लेकर 31 जनवरी तक कोहरा औसतन 80 घंटे तक रहता है।’
बहरहाल, आशंका जर्ताई जा रही है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल अधिक उड़ानें कोहरे की वजह से प्रभावित होंगी। दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड के मुख्य परिचालन अधिकारी एंड्रियू हैरिसन ने बताया, ‘कोहरे की वजह से करीब 60 फीसदी उड़ानों पर प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिल सकता है।’
उल्लेखनीय है कि दिल्ली हवाई अड्डे पर कोहरे की जबरदस्त मार साल 2003 में देखने को मिली थी। इस साल कोहरे ने पूरे 147 घंटों के लिए हवाई अड्डे को अपने चपेट में ले लिया था।