दिल्ली सरकार ने उद्यमियों से रखरखाव के लिए शुल्क वसूलने का निर्णय लिया है। सरकार अब औद्योगिक क्षेत्रों में औद्योगिक इकाई चला रहे उद्यमियों से हर माह रखरखाव के लिए सेवा शुल्क वसूलेगी। यह शुल्क औद्योगिक क्षेत्रों में उद्यमियों को दी जाने वाली सेवाओं के ऐवज में लिया जाएगा।
दिल्ली राज्य औद्योगिक अवसंरचना एवं विकास निगम यानी डीएसआइआइडीसी के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार ने ऐसे औद्योगिक क्षेत्रों में औद्योगिक इकाईयों से रखरखाव के लिए सेवा शुल्क वसूलने का निर्णय लिया, जिनकी जिम्मेदारी डीडीए व नगर निगम से डीएसआइआइडीसी को मिल चुकी है। दिल्ली में अधिसूचित 29 औद्योगिक क्षेत्रों में 24 औद्योगिक क्षेत्रों की जिम्मेदारी डीएसआइआइडीसी को अब तक मिल चुकी है। अब इन 24 औद्योगिक क्षेत्रों के संचालन और रखरखाव के लिए उद्यमियों से 13.65 रुपये प्रति वर्गमीटर सेवा शुल्क लेने का निर्णय लिया गया है। यह शुल्क इन उद्यमियों को मुहैया कराई जाने वाली बुनियादी सुविधाओं के लिए वसूला जाएगा। जिससे इन औद्योगिक क्षेत्रों की हालत बेहतर हो सके। यह सेवा शुल्क डिडोम अधिनियम, 2011 के तहत वसूला जाएगा और हर साल इस सेवा शुल्क की दर में खर्चों के आधार पर संशोधन भी किया जाएगा। अगर किसी औद्योगिक भूखंड पर बहु मंजिला इकाई चल रही है तो उस इकाई से उसके हिस्से के आधार पर सेवा शुल्क लिया जाएगा।
अब तक नरेला और बवाना औद्योगिक क्षेत्रों के उद्यमियों से रखरखाव के लिए सेवा शुल्क वसूला जा रहा है, क्योंकि डीएसआइआइडीसी इन दोनों औद्योगिक क्षेत्रों का निजी एजेंसियों के माध्यम से पीपीपी मॉडल के तहत रखरखाव कर रही है।अब डीएसआइआइडीसी उसको सौंपे जा चुके 24 औदयोगिक क्षेत्रों से भी सेवा शुल्क वसूलेगी। इन औद्योगिक क्षेत्रों में बादली, पटपडगंज, ओखला, वजीरपुर, झिलमिल, उदयोग नगर, लॉरेंस रोड, नारायणा, मंगोलपुरी, मायापुरी, नांगलोई, कीर्तिनगर, नजफगढ रोड, जीटी करनाल रोड आदि औद्योगिक क्षेत्र शामिल हैं।