facebookmetapixel
सरकार ने नोटिफाई किए डिजिटल निजी डेटा संरक्षण नियम, कंपनियों को मिली 18 महीने की डेडलाइनबिहार विधानसभा चुनाव 2025: NDA 200 के पार, महागठबंधन की करारी हारबिहार की करारी हार से राजद-कांग्रेस के समक्ष अस्तित्व का संकट, मोदी बोले- पार्टी अब टूट की ओरबिहार में NDA की प्रचंड जीत से बैकफुट पर विपक्ष, चुनाव आयोग पर उठाए सवालNDA की जीत में पासवान, मांझी गठबंधन ने बढ़ाई वोट हिस्सेदारी: 10 बिंदुओं में बिहार चुनाव नतीजों के निष्कर्षबिहार में बंपर जीत के बाद बोले PM मोदी: पश्चिम बंगाल से भी ‘जंगलराज’ को उखाड़ फेंकेंगेबिहार में नीतीश–मोदी फैक्टर की धमक: भाजपा की राजनीतिक महत्त्वाकांक्षा की राह में अब नहीं कोई बाधाबिहार चुनाव 2025: जदयू और भाजपा ने बढ़ाई वोट हिस्सेदारी, AIMIM को झटकाNDA के वादे और वित्तीय सीमाएं: ‘विकसित बिहार’ का सपना कितना संभव?सेबी 17 दिसंबर की बैठक में करेगा हितों के टकराव और खुलासा नियमों की सिफारिशों पर विचार

रियल एस्टेट: वक्त की पाबंदी पर जोर

Last Updated- December 08, 2022 | 3:42 AM IST

उत्तर प्रदेश में रियल एस्टेट बाजार धीमे-धीमे परिपक्व हो रहा है और डेवलपर परियोजनाओं को समय से पूरा करने पर खास तौर से जोर दे रहे हैं।


डेवलपर्स ने बताया कि पिछले कुछ समय के दौरान उनकी आवासीय परियोजनाओं की औसत बुकिंग प्रभावित नहीं हुई है। इसके अलावा कई डेवलपर इस साल के अंत तक नई परियोजनाएं शुरू करने की योजना भी बना रहे हैं।

बीते दिनों उत्तर प्रदेश में कई बड़े डेवलपर्स ने कारोबार का विस्तार किया है। इसमें अंसल, पार्श्वनाथ, यूनीटेक, ओमैक्स, सहारा और एमटेक शामिल हैं। लेकिन हाल में आया मंदी का दौर निश्चित तौर से इन परियोजनाओं से इन परियोजनाओं की प्रगति निश्चित तौर से प्रभावित होगी।

उम्मीद जताई जा रही है कि ज्यादातर मामलों में फ्लैट का कब्जा इस साल के अंत तक दे दिया जाएगा। ब्याज दरों में कटौती के कारण रियल एस्टेट क्षेत्र की विकास पर काफी प्रभावित हुई है।

विशेषज्ञों के मुताबिक मौजूदा मंदी के दौर से लगभग सभी क्षेत्र प्रभावित हुए हैं और रियल एस्टेट क्षेत्र में इस बात की अहम भूमिका होगी कि परियोजनाएं समय से तैयार हो रही हैं या नहीं। सहारा प्राइम सिटी लिमिटेड के बिक्री प्रमुख सुंदर लाल ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि तय समय पर परियोजनाओं के तैयार होने और निर्माण की बेहतर गुणवत्ता से डेवलपर्स को मुश्किल दौर से उबरने में मदद मिलेगी।

मंदी और महंगाई के दौर में उपभोक्ताओं पर भी कुछ भार डालने के बारे में अंसल हाउसिंग एंड कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के महाप्रबंधक धमेद जैन ने बताया कि खरीदारों के लिए कीमत तय करते समय कंपनी बढ़ती लागत को ध्यान में रखती है और इस कारण महंगाई से कीमतों में बहुत अधिक फर्क नहीं पड़ता है।

उन्होंने कहा कि जब तक पानी सर से ऊपर न निकल जाए और हमारे पास कोई और रास्ता न बचे, हम बढ़ी हुई लागत से ग्राहकों को अप्रभावित रखते हैं। लाल ने आगे बताया कि बढ़ती ब्याज दरों से आम लोगों में अपने घर की इच्छा कम नहीं हुई है।

घर लोगों की मूलभूत जरुरत है और लोग अपना घर हासिल करना ही चाहते हैं। ‘ब्याज दरों से ग्राहकों पर कोई असर नहीं पड़ा है। जब ब्याज दर 7 प्रतिशत थी तब भी घर बिक रहे थे और आज जब ब्याज दर 11 प्रतिशत है तब भी घरों की बिक्री जारी है।’

पार्श्वनाथ डेवलपर्स के महा प्रबंधक (विपणन) एम एम जौहरी ने बताया कि इस समय सस्ते और आसानी से खरीदे जा सकने वाले घरों का जोर है। उन्होंने आगे बताया कि पार्श्वनाथ लखनऊ में नई परियोजनाएं शुरू करने की योजना बना रहा है।

उन्होंने बताया यकि महंगाई के कारण गुजर-बसर महंगा हो गया है। इस बदलाव को ध्यान में रखते हुए विभिन्न क्षेत्रों को योजनाएं तैयार करनी चाहिए।

First Published - November 17, 2008 | 10:08 PM IST

संबंधित पोस्ट