मध्य प्रदेश में कोविड-19 संक्रमित मरीजों के इलाज में ऑक्सीजन की कमी की खबरें सामने आने के बाद प्रदेश सरकार हरकत में आई है। मु़ख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ऑक्सीजन उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात प्रयास कर रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक एक ओर जहां प्रदेश में ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करने का काम युद्ध स्तर पर जारी है, वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय के सहयोग से झारखंड के बोकारो और गुजरात के जामनगर से ऑक्सीजन टैंकर एयरलिफ्ट करके इंदौर, भोपाल और ग्वालियर लाने की सहमति बन चुकी है। यह प्रक्रिया आगामी 1 मई तक भारतीय वायुसेना की उड़ानों के माध्यम से लगातार जारी रहेगी।
इसके अतिरिक्त रेलवे के माध्यम से बोकारो और राउरकेला से भी प्रदेश को ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने बालाघाट, धार, दमोह, जबलपुर, बड़वानी, शहडोल, सतना और मंदसौर में 5.87 करोड़ रुपये की लागत से 570 लीटर प्रति मिनट क्षमता वाले ऑनसाइट ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र विकसित करने के लिए कार्यादेश जारी कर दिए हैं। प्रदेश में ऑक्सीजन आपूर्ति सुचारू बनाने के लिए 2,000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी खरीदे गए हैं।
प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति में निरंतर सुधार किया जा रहा है। गत 8 अप्रैल को जहां रोजाना 130 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही थी, वहीं 24 अप्रैल तक यह बढ़कर 441 मीट्रिक टन हो चुकी है।
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में प्रदेश के अलग-अलग अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत की खबरें आई हैं। अस्पताल प्रबंधन और प्रदेश सरकार ने इससे इनकार किया लेकिन इसके लिए उन्हें काफी आलोचना का सामना करना पड़ा।